85 साल के बुजुर्ग ने की खुद को गोद लेने की अपील, कहा- अकेले नहीं मरना चाहता

चीन में 85 साल के रहने वाले हेन जीचेंग नाम के शख्स ने खुद को गोद लेने की गुहार कर रहा है. वो रोज साइकल पर लेकर घूमते हैं ताकी कोई उन्हें गोद ले सके.

85 साल के बुजुर्ग ने की खुद को गोद लेने की अपील, कहा- अकेले नहीं मरना चाहता

चीन में 85 साल के रहने वाले हेन जीचेंग नाम के शख्स ने खुद को गोद लेने की गुहार लगाई है.

देखा जाता है कि वैवाहिक जीवन के बाद  दंपत्ति बच्चे को गेद लेते हैं. क्या हो अगर कोई 85 साल का बुजुर्ग खुद को गोद लेने के लिए कहे. सुनकर आपको भी हैरानी होगी. लेकिन ये सच है. चीन से ऐसी खबर आ रही है. चीन में 85 साल के रहने वाले हेन जीचेंग नाम के शख्स ने खुद को गोद लेने की गुहार लगाई है. वो रोज साइकल पर लेकर घूमते हैं ताकी कोई उन्हें गोद ले सके. 

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उन्होंने लिखा- मैं 85 साल का अकेला शख्स हूं. शरीर ताकतवर है, शॉपिंग कर सकता हूं, खाना बनाना जानता हूं, अपनी देखभाल खुद कर सकता हूं. तियानजिन के साइटेफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट से रिटायर हुआ हूं. मुझे हर महीने 950 डॉलर पेंशन में मिलते हैं. मैं नर्सिंग होम नहीं जाना चाहता. मुझे पूरी उम्मीद है कि कोई दयालु वक्ति गोद ले लेगा. मेरी देखभाल कर सकेगा. मेरे निधन पर कोई मेरा अंतिम संस्कार भी करेगा. 

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वो बताते हैं कि उनकी पत्नी की मौत हो चुकी है और बच्चों से कोई संपर्क नहीं है. उनके पड़ोसियों के पास भी उनके लिए वक्त नहीं है. उन्होंने बताया कि वो बाइक चला सकते हैं. लेकिन उन्हें पता है कि एक दिन ऐसा आएगा जब वो चल फिर नहीं पाएंगे. उन्हें डर है कि आखिर में वो अकेले न पड़ जाएं. 

जब से उन्होंने ये स्टोरी एक लोकर टेलीविजन को सुनाई तो उनके पास कई फोन कॉल्स आने लगे हैं. पिछले तीन महीने से वो रुके नहीं और उनका संघर्ष जारी है. उन्होंने सबसे पहले अपने पड़ोसियों को ये बात बताई कि वो अकेले हैं और वो ऐसे नहीं मरना चाहते हैं. लेकिन अब लोग उनके पास पहुंच रहे हैं और उनसे बात कर रहे हैं. एक लोकल रेस्टॉरेंट उनको खाना देता है. उन्होंने 20 वर्षीय लॉ स्टूडेंट्स से दोस्ती की है. वो रोज टेलीफोन पर उससे बात करते हैं. 

उनका जन्म 1932 में हुआ था उस वक्त जापान ने चीन पर हमला किया था. उनका बचपन भी काफी संघर्षों में बीता है. वो जब बड़े हुए तो एक कारखाने में काम करने लगे. उस वक्त उनकी शादी भी हो गई. जिस वक्त कल्चरल रिवॉल्यूशन चल रहा था उस वक्त उनके बच्चे हुए. काफी संघर्षों में उनका जीवन बीता. उनका कहना है- ''मेरी उम्र के लोग काफी संघर्ष करते हैं. इस उम्र में इंसान सोचता है कि वो एक ऐसे घर में रहे जहां बच्चे और पोते सेवा करें. लेकिन मेरी तरह कई लोगों को ये सेवा नहीं मिल पाती है.''

पॉपुलेशन एंड डेवेलपमेंट स्टडीज के प्रोफेसर जियांग क्वांबाओ का कहना है कि चीन में एक वृद्ध समाज और एक विकासशील समाज है.  शंघाई के फुडान यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर पेंग जीज़ी ने कहा कि ये एक गंभीर समस्या है. 

हैन का कहना है कि उनका एक बच्चा 2003 में कनाडा चला गया था. जब से उसने एक कॉल तक नहीं किया. वो इसलिए उन्हें कॉन्टेक्ट नहीं करना चाहते क्योंकि वो उसे शर्मिंदा नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने अपनी तुलना एक पेड़ के साथ की है. उनका कहना है कि जब तक पेड़ में फूल रहते हैं तब तक लोग उसका इस्तेमाल करते हैं. जिसके बाद उसको छोड़ देते हैं. ठीक वैसे ही मेरे साथ हुआ. 

जीवन के आखिरी पलों में वो हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. लॉ स्टूडेंट जियांग जिंग ने हैन को अपना दोस्त बना लिया है. वहीं दूसरी तरफ उनकी दोस्ती कुई नाम के आर्मी मैन से हुई. पिछले हफ्ते उनकी जिंदगी रहस्यमयी हो गई. वो न कोई कॉल ले रहे हैं और न कहीं नजर आ रहे हैं. उनके जो दोस्त बने थे उनके भी कॉल पिक नहीं हो पा रहे हैं. अप्रैल में जब लॉ स्टूडेंट जियांग जिंग ने कॉल किया तो उनके बेटे ने बोला कि 17 मार्च को उनकी मौत हो चुकी है.

जब उनके पड़ोसियों से पूछा गया तो उन्हें बिलकुल नहीं पता कि उनकी मौत हो चुकी है. उनका बेटा हैन चैंग कनाडा से वापस भी आया था. वो पिता को गोद लेने वाली खबर से काफी दुखी था. उनके बेटे की मानें तो वो उनको अपने घर ले जाना चाहता था. लेकिन हैन नहीं चाहते थे. बेटे ने हैन को कई बार कॉल किया लेकिन उन्होंने उठाया नहीं. अब वो अपने पिता के बारे में बिलकुल बात करने को तैयार नहीं हैं. उनके बेटे ने बताया कि उनके पिता हैन काफी समय से बीमार चल रहे थे और 17 मार्च को उनकी मौत हो चुकी है. लेकिन इस खबर की कोई पुष्टी नहीं हो पाई है.


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