11 साल की उम्र में माता-पिता की हुई मौत, रेहड़ी पर किया काम और फिर ऐसे बदल गई किस्मत

गोविंद केवल 11 साल के थे, जब उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया. उनकी टीबी से मौत हो गई थी. नंदी फाउंडेशन की मदद से उन्होंने पढ़ाई की और अब वो एक प्रसिद्ध परिधान स्टोर में काम कर रहे हैं.

11 साल की उम्र में माता-पिता की हुई मौत, रेहड़ी पर किया काम और फिर ऐसे बदल गई किस्मत

11 साल की उम्र में माता-पिता की हुई मौत, रेहड़ी पर किया काम और फिर ऐसे बदल गई किस्मत

गोविंद केवल 11 साल के थे, जब उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया. उनकी टीबी से मौत हो गई थी. नंदी फाउंडेशन की मदद से उन्होंने पढ़ाई की और अब वो एक प्रसिद्ध परिधान स्टोर में काम कर रहे हैं. अब वह किराए के घर में रहने के लिए और अपने भाई-बहनों को अनाथालय से बाहर निकालने के लिए पैसा बचाने की कोशिश कर रहे हैं. गोविंद की प्रेरणादायक कहानी को सोशल मीडिया पर सोमवार को नंदी फाउंडेशन द्वारा साझा किया गया है. बिजनेस टाइकून आनंद महिंद्रा ने भी तारीफ की है.

श्री महिंद्रा, जो नंदी फाउंडेशन के बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं. उन्होंने कल रात एक ट्वीट में गोविंद की प्रशंसा की. उन्होंने अपनी कहानी साझा करते हुए लिखा, 'लोग जो उठते हैं!'

नंदी फाउंडेशन के मुताबिक, 11 साल की उम्र में, गोविंद के माता-पिता की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उन्हें एक रेहड़ी पर काम करना पड़ा, क्योंकि उनके सिर पर अपने छोटे भाई-बहन की जवाबदारी थी. सौभाग्य से एक बाल कल्याण संगठन ने उन्हें गोद लिया और एक स्कूल में दाखिला दिलाया जहां उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की. बाद में उन्हें चंडीगढ़ के एक महिंद्रा प्राइड स्कूल में दाखिला मिला, जो फाउंडेशन द्वारा संचालित है.

महिंद्रा प्राइड स्कूल 2007 में सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित युवाओं को भर्ती करने और प्रशिक्षित करने और कॉर्पोरेट नौकरी खोजने में मदद करने के लिए एक जगह के रूप में शुरू किए गए थे.

गोविंद को तीन महीने के लिए रिटेल में प्रशिक्षित किया गया और लाइफस्टाइल स्टोर में रखा गया, जो एक कपड़े और एक्सेसरीज़ ब्रांड है. वो अब किराए के घर के लिए पैसा बचा रहे हैं. ताकी वो अपने भाई-बहन को अनाथालय से निकाल पाएं और साथ रख पाएं.

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नंदी फाउंडेशन के अनुसार, महिंद्रा प्राइड स्कूल 18 से 25 वर्ष के बीच के लोगों को भर्ती करते हैं. स्कूल चार वर्टिकल में विशेषज्ञता पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं - आईटीईएस (सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएं), हॉस्पिटैलिटी क्राफ्ट, रिटेल सेल्स और ऑटो. छात्रों को एक बस पास या ट्रेन पास, वर्दी, पाठ्यक्रम सामग्री और पूरी तरह से नि: शुल्क प्रदान किया जाता है. उनके तीन महीने के प्रशिक्षण के बाद, उन्हें नौकरी खोजने में मदद करने के लिए प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया जाता है.