यह ख़बर 19 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

जूते हुए गुम, राजघाट से लौटना पड़ा नंगे पैर

खास बातें

  • अन्ना हजारे के अनशन शुरू करने से पहले उनके साथ राजघाट गए बहुत से लोगों को उस समय झटका लगा, जब उन्हें पता चला कि उनके जूते गायब हो गए हैं।
नई दिल्ली:

अन्ना हजारे के अनशन शुरू करने से पहले उनके साथ राजघाट गए बहुत से लोगों को उस समय झटका लगा, जब उन्हें पता चला कि उनके जूते गायब हो गए हैं और उन्हें अब नंगे पैर अपने घर लौटना पड़ेगा। महात्मा गांधी की समाधि पर जाने वाले लोगों को यहां प्रवेश करने से पहले अपने जूते उतारने पड़ते हैं। जैसे ही हजारे राजघाट से इंडिया गेट की ओर रवाना हुए, वैसे ही बारिश से परेशान भीड़ अपने जूते लेने के लिए बाहर निकली, पर वे लोग यह देखकर खासे परेशान हो गए कि उनके जूते गायब हो चुके हैं। इस आपाधापी में दिल्ली पुलिस के एक सहायक आयुक्त और दो जवानों के जूते भी गायब हो चुके थे। एसीपी को बेचैनी से अपने जूतों की तलाश करते हुए देखा गया, लेकिन जब उनके कर्मचारियों को उनके जूते नहीं मिले, तब उन्हें नंगे पैर ही लौटना पड़ा। जूतों पर नजर रखने के लिए नियुक्त पुलिस के जवानों को जूते खोने पर लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा। एक सुरक्षाकर्मी ने कहा, मैं क्या कर सकता हूं? बहुत भीड़ थी और कोई मेरी मदद करने वाला भी नहीं था।


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