पुराने लखनऊ की दूध की बर्फी के दीवाने थे अटल, कॉल कर कहते थे- 'टैक्स' आएगा या नहीं

लखनऊ में चौक के निकट राजा बाजार. ये एक ऐसा इलाका है, जहां की मिठाई की एक मशहूर दुकान की ''दूध की बर्फी'' अटल बिहारी वाजपेयी को बेहद पसंद थी.

पुराने लखनऊ की दूध की बर्फी के दीवाने थे अटल, कॉल कर कहते थे- 'टैक्स' आएगा या नहीं

शहर ए लखनऊ और पुराने लखनऊ में चौक के निकट राजा बाजार. ये एक ऐसा इलाका है, जहां की मिठाई की एक मशहूर दुकान की ''दूध की बर्फी'' अटल बिहारी वाजपेयी को बेहद पसंद थी. लखनऊ के राजा बाजार में मिठाई की पुरानी दुकान 'त्रिवेदी मिष्ठान्न भंडार' है. अपने बचपन से अटल जी को देखने और उनके स्वाद को समझने वाले कीर्ति त्रिवेदी इन दिनों यह दुकान संभाल रहे हैं. उन्होंने भाषा को बताया, 'हमें गर्व है कि अटल जी ने दूध की बर्फी पसंद की और वह कहीं और नहीं बल्कि हमारे यहां की ही बर्फी को अमर कर गये.'

'पितातुल्य' अटल जी को याद कर पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा भावुक ब्लॉग- 'मेरे अटल जी'

त्रिवेदी ने कहा, 'मेरे पिता जी पंडित बाबूराम त्रिवेदी बताया करते थे कि भोजन के बाद जब मिष्ठान्न की तलब लगती तो अटल जी हमारी दुकान से दूध की बर्फी मंगवाते थे. फिलहाल उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और लंबे समय तक लखनऊ शहर के मेयर रह चुके डा. दिनेश शर्मा भी यह बात कह चुके हैं.' डा. शर्मा ने कहा, 'अटल जी का फोन आता और कहते 'टैक्स' आएगा या नहीं. वह त्रिवेदी की दूध की बर्फी के शौकीन थे. दिल्ली में रहने के दौरान भी जब लखनऊ आते या यहां से होकर गुजरते तो पहले से ही उनका फोन आ जाता कि टैक्स आएगा या नहीं और पिता जी डॉ. शर्मा के पिता केदार नाथ शर्मा त्रिवेदी के यहां से बर्फी मंगाते थे.'

तस्‍वीरों में देखें, अटल बिहारी वाजपेयी की अंतिम यात्रा, कृष्‍णा मेनन मार्ग से निकला पार्थिव शरीर

उप मुख्यमंत्री कह चुके हैं, 'वर्ष 2006 की बात है. एक दिन अटल जी का घर पर फोन आया. बोले, महापौर का चुनाव लड़ना है, तैयारी करो. मैंने कहा कि आप आने का वायदा करें, तभी नामांकन भरूंगा. वह आये और एक ही वाक्य से पूरा चुनाव पलट दिया. अटल बोले कि यह भाषण बहुत अच्छा देता है. मैं संकोच में अपने मंच पर जल्दी बैठ गया. वह मुझसे बोले प्रत्याशी हो, प्रत्याशी को जल्दी नहीं बैठना चाहिए.'

अटल जी के अंतिम दर्शन को उमड़ी समर्थकों की भीड़, इतनी किमी लगी लंबी लाइन

त्रिवेदी ने बताया कि जब अस्वस्थता के चलते अटल जी का लखनऊ आना कम रहा, तब उनकी इच्छा की पूर्ति लालजी टंडन किया करते थे और वह हमारी दुकान से दूध की बर्फी ले कर उन्हें मुहैया कराते थे. अटल जी की दूध की बर्फी की तलब ऐसी थी कि गाड़ी राजा बाजार आती और बर्फी हवाई अड्डे पहुंचकर विशेष विमान से अटल जी के पास दिल्ली पहुंच जाती. त्रिवेदी ने बताया कि लखनऊ से सांसद अटल जी जब प्रधानमंत्री थे और लखनऊ से लोग जब उनसे मिलने जाते थे तब भी वह अपनी चिर परिचित शैली में दूध की बर्फी का उल्लेख करना नहीं भूलते थे.

उन्होंने बताया, 'मेरे पिता और मां दोनों स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और वे अटल जी के करीबी थे. जब अटल जी को यह पता चला, तभी से वह भट्ठी पर बनायी जाने वाली बर्फी के मुरीद हो गये.' वरिष्ठ पत्रकार एवं छात्र नेता अनुपम त्रिपाठी ने अटल जी के साथ बिताये समय की चर्चा करते हुए 'भाषा' से कहा, 'करिश्मा हर क्षेत्र में होता है लेकिन मिठाई प्रेम साधारण बात है. हां, ये अलग बात है कि हर व्यक्ति अपने खाने को लेकर निहायत व्यक्तिगत होता है और अटल जी ने दूध की बर्फी को लेकर यह साबित कर दिया.'

(इनपुट-भाषा)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com