यह ख़बर 11 जुलाई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंचा अटलांटिस

खास बातें

  • अंतरिक्ष यान अटलांटिस चार अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर 12 दिन के मिशन पर पहुंच गया।
वाशिंगटन:

अंतरिक्ष यान अटलांटिस चार अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर सफलतापूर्वक रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर 12 दिन के मिशन पर पहुंच गया। इस मिशन के पूरा होने के बाद नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रम के एक युग का अंत हो जाएगा। अंतरिक्ष यान, निर्धारित समय से एक मिनट बाद अंतरराष्ट्रीय समयानुसार अपराह्न् तीन बजकर सात मिनट पर अंतरिक्ष केंद्र से जुड़ा। इससे पहले यान ने एक संक्षिप्त पुन:स्थापना कौशल दिखाया। इस  दौरान उसकी गति तीन सेंटीमीटर प्रति सेकंड थी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के साथ अटलांटिस का 12वां मिलन न्यूजीलैंड के पूर्वी समुद्र तट से लगभग 386 किलोमीटर ऊपर दो यानों के परिभ्रमण के साथ पूरा हुआ। फ्लोरिडा के केप केनवरल स्थित केनेडी अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरने के दो दिनों बाद अटलांटिस, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पहुंचने वाला 37वां अंतरिक्ष यान बन गया। चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष यान, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में अपराह्न् चार बजकर 47 मिनट पर प्रवेश किया। वहां पहले से मौजूद तीन अंतरिक्ष यात्रियों ने यान की पारम्परिक रूप से अगवानी की। अटलांटिस द्वारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र तक की यात्रा साल्मोनेला बैक्टीरिया द्वारा पैदा होने वाले जठरांत्र रोगों के लिए टीके विकसित करने का एक प्रयोग है। अटलांटिस अपने साथ पर्याप्त मात्रा में कल-पुर्जे भी लेकर गया है, ताकि शटल कार्यक्रम बंद होने के बाद भी अंतरिक्ष केंद्र को सक्रिय रखा जा सके। इस ऐतिहासिक मिशन का नेतृत्व अमेरिकी नौसेना के सेवानिवृत्त कैप्टन क्रिस फग्र्यूसन कर रहे हैं। वह अंतरिक्ष में अपनी तीसरी उड़ान पर हैं। उनके अलावा पायलट डौग हर्ली अपने दूसरे अंतरिक्ष मिशन पर हैं। हर्ली नौसेना के कर्नल हैं।


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