अब राजस्थान बोर्ड की पुस्तक में रंगभेदी टिप्पणी : कामयाब उद्यमी बनने के लिए 'सुंदर रंग' ज़रूरी

अब राजस्थान बोर्ड की पुस्तक में रंगभेदी टिप्पणी : कामयाब उद्यमी बनने के लिए 'सुंदर रंग' ज़रूरी

यह प्रस्तावित पाठ्यपुस्तक अगले शैक्षणिक वर्ष से कक्षा 12 के विद्यार्थियों को पढ़ाई जाएगी...

नई दिल्ली:

राजस्थान के स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने के लिए प्रस्तावित एक पुस्तक में विद्यार्थियों को अच्छा और कामयाब उद्यमी बनने के लिए जो नुस्खे सिखाए जाने हैं, उनमें कुछ ऐसी विशेषताएं बताई गई हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद माथे पर त्योरियां चढ़ना स्वाभाविक है... यह पुस्तक फिलहाल छपने के लिए नहीं भेजी गई है, लेकिन इसमें एक अध्याय (चैप्टर) कौशल विकास, यानी स्किल डेवलपमेंट पर भी है, जिसमें कामयाब उद्यमी के लिए आवश्यक योग्यताओं में "अच्छी ऊंचाई, और सुंदर रंग" को भी ज़रूरी बताया गया है... इस पुस्तक को अगले शैक्षणिक वर्ष में राज्य शिक्षा बोर्ड से जुड़े स्कूलों में कक्षा 12 के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाना है...

इस पुस्तक का शीर्षक 'समाजोपयोगी योजनाएं' है, तथा यह राज्य शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में किए जा रहे उन बदलावों का हिस्सा है, जिनके अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विमुद्रीकरण (नोटबंदी), स्वच्छ भारत अभियान और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भामाशाह योजनाओं को पाठ्यक्रम में स्थान दिया जाना है... नए पाठ्यक्रम के लिए प्रस्तावित पाठ्यपुस्तकों के विभिन्न संस्करण ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं...

स्वच्छ भारत अभियान को लेकर तैयार अध्याय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस फ्लैगशिप योजना के बारे में बताने के साथ-साथ इसके तहत हासिल की गई उपलब्धियों के बारे में भी बताया गया है... इस पाठ में विद्यार्थियों से प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत प्रतिज्ञा को 'आत्मसात' करने (स्वभाव का हिस्सा बनाने) के लिए भी कहा गया है... अध्याय में लिखा गया है, "2 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री द्वारा समूचे देशवासियों को दिलवाई गई प्रतिज्ञा को दोहराएं, तथा उसके प्रत्येक शब्द को आत्मसात कर लें..."

पिछले सप्ताह, कक्षा 12 की शारीरिक शिक्षा की एक पाठ्यपुस्तक में लिंगभेदी टिप्पणियों के चलते माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट पर उसकी कड़ी आलोचना की गई थी... डॉ वीके शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक 'हेल्थ एंड फिज़िकल एजुकेशन' में पुरुष और महिलाओं के बीच शारीरिक अंतरों के बारे में बताया गया है... इसमें महिला शरीरों की तमाम तरह के फिगर का ज़िक्र करते हुए बताया गया है कि 36-24-36 फिगर वाली महिलाएं को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है... हालांकि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने इसकी सिफारिश नहीं की, फिर भी बोर्ड ने प्रकाशक तथा लेखक के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया था...

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