यह ख़बर 02 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

बियर के दीवानों का 'मक्का' है, जर्मनी का 'ओक्टोबरफेस्ट'

खास बातें

  • 22 सितम्बर को शुरू हुए ओक्टोबरफेस्ट के पहले ही वीकेंड में दुनिया-भर से 85 लाख लोग आए, और इन चंद दिनों में ही 10 लाख लीटर बियर की खपत हो गई...
म्यूनिख:

बियर के मदमस्त दीवानों का 'मक्का' कहलाता है, जर्मनी के म्यूनिख (Munich) में चल रहा ओक्टोबरफेस्ट (Oktoberfest), और यह बात साबित होती है, इस तथ्य से कि 22 सितम्बर को शुरू हुए इस फेस्टिवल के पहले ही वीकेंड में दुनिया-भर से 85 लाख लोग ओक्टोबरफेस्ट के लिए आए... इन चंद ही दिनों में ही 10 लाख लीटर बियर की खपत हो गई... इसी आंकड़े से यह अंदाज़ा भी आसानी से लगाया जा सकता है कि जब 7 अक्टूबर को यह फेस्टिवल खत्म होगा, तब तक यहां कितनी बियर पी जा चुकी होगी...

विक्टर (Victor), क्रिस्टियन (Christian) और डी जे (D Jay) खासतौर पर ओक्टोबरफेस्ट के लिए स्विटज़रलैण्ड से म्यूनिख आए हैं... विक्टर, जो अभी 22 साल का है, उसका कहना है कि वह यहां चौथी बार आया है, और साल-दर-साल यहां आने की पूरी कोशिश करता रहेगा... विक्टर के दोनों दोस्त भी अगले साल फिर यहां आने की योजना बना रहे हैं...

ओक्टोबरफेस्ट का पूरा मज़ा उठाने के लिए यहां बने बियर-टेंट में लोग महीनों पहले ही टेबल बुकिंग करा लेते हैं... और फिर टेबल पर बैठते ही आपके सामने एक लिटर बियर से भरा भारी-भरकम मग रख दिया जाता है... अगर आपकी टेबल पर जगह है, तो कोई भी आपके साथ बैठ सकता है... और इस नियम के चलते ही यहां शुरू होती हैं, नई दोस्तियां, नए रिश्ते, जो कभी-कभी शाम के साथ यहीं ख़त्म हो जाती हैं, तो कभी-कभी सारी उम्र साथ रहती हैं...

जर्मनी के इस इलाके की पारम्परिक पोशाक पहने बच्चे, बूढ़े और जवान एक-दूसरे के हाथों में हाथ डालकर ऊंची आवाज़ में लोकगीत गाते हैं... शिनेत्ज़ेल, ब्रात्वूर्स्त जैसे पारम्परिक जर्मन पकवानों के साथ हर आदमी न जाने कितने लिटर बियर पी जाता है... यहां पहुंचे कुछ लोग तो गिनती करने में विश्वास ही नहीं रखते...

इस साल बारिश ने यहां आए लोगों की उम्मीदों पर कुछ पानी तो फेरा, लेकिन ओक्टोबरफेस्ट की खासियत यही है कि लोग बारिश में भी छाते खोलकर बैठ गए... ठण्ड और बारिश भी लोगों को उनकी पसंदीदा ठंडी बियर से दूर नहीं रख सके...

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

ओक्टोबरफेस्ट के चलते पूरा म्यूनिख शहर मेले में बदल गया है... जहां हर इंसान आपको दोस्त समझता है और अपने शहर में दिल खोलकर आपका स्वागत करता है... ऐसे में कोई हैरानी नहीं होती, कि विक्टर जैसे लोग बार-बार यहां लौटकर आते हैं...