कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सीरियाई रिफ्यूजी कैंप में पहुंचे तो उनकी मुलाकात अपने ही नाम वाले एक बच्चे से हुई.
खास बातें
- सीरियाई रिफ्यूजी कैंप में पहुंचे कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो
- यहां उनकी मुलाकात अपने हमनाम से हुई
- अपने हमनाम से मिलकर काफी खुश दिखे ट्रूडो
नई दिल्ली: सीरियाई शरणार्थी के कैंप में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुलाकात अपने हमनाम (Namesake) से हुई. दिलचस्प बात यह रही कि रिफ्यूजी ट्रूडो पीएम जस्टिन ट्रूडो की गोद में जाकर बेहद सुकून के साथ सोता हुआ दिखा. इस भावुक पल की तस्वीर जस्टिन ट्रूडो के फोटोग्राफर एडम स्कॉटी (Adam Scotti) ने अपने ट्विटर पेज पर ट्वीट किया है. शरणार्थी शिविर में मौजूद नन्हा जस्टिन ट्रूडो सीरियाई दंपत्ति की संतान है. पीएम ट्रूडो ने उस दंपत्ति से मिने के बाद उसका इस बात के लिए शुक्रिया किया क्योंकि उन्होंने अपने बच्चे का नाम उनके नाम पर रखा है. यह बच्चा ढाई साल का है और उसका पूरा नाम जस्टिन ट्रूडो एडम बिलान है. पीएम ट्रूडो से मुलाकात के दौरान सीरियाई रिफ्यूजी दंपत्ति ने बताया कि नन्हे जस्टिन का जन्म मई में कैलगरी में हुआ था. जूनियर ट्रूडो की मां का नाम आरफा बिलान और पिता का नाम मोहम्मद बिलान है.
ये भी पढ़ें: पांच साल की लड़की बनी कनाडा की प्रधानमंत्री, उसके इशारे पर काम करते दिखे पीएम जस्टिन ट्रूडो
उन्होंने बताया कि इन दिनों सीरिया में गृहयुद्ध फैला हुआ है, जिसके चलते वे कुछ महीने पहले अपने बच्चे के साथ कनाडा भागकर आ गए थे. जूनियर ट्रूडो के मां-पिता मूल रूप से सीरिया की राजधानी दमिश्क के रहने वाले हैं.
सीरियाई पति-पत्नी ने बताया कि कनाडा ने इतनी संख्या में सीरियाई शरणार्थियों को अपने देश में पनाह दी है, वे इस बात से काफी खुश हैं, उनकी इसी भलाई का शुक्रिया कहने के लिए उन्होंने अपने बेटे का नाम उनके नाम पर ही जस्टिन ट्रूडो रखा है.
ये भी पढ़ें: कनाडा के पीएम का 'ईद मुबारक' का वीडियो क्यों हो रहा वायरल, जानें वजह
मालूम हो कि साल 2011 में संघर्ष शुरू होने के बाद सीरिया से 40 लाख से ज्यादा सीरियाई लोग अपना देश छोड़ चुके हैं। वैसे तो कनाडा ने सितंबर तक 10 हजार सीरियाई शरणार्थियों को पनाह देने की बात कही थी, लेकिन नई चुनी हुई सरकार ने नवंबर 2015 से जनवरी 2017 के बीच 40,000 से अधिक सीरियाई शरणार्थियों को कनाडा ने पनाह दी है. इनमें से क़रीब 1,000 शरणार्थी कैलगरी में बस गए हैं.
ये भी पढ़ें: जब कनाडा के सांसद करने लगे भांगड़ा, Video हुआ वायरल
इस साल जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सात मुस्लिम देशों से आने वाले शरणार्थियों पर रोक लगा दी थी. वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने युद्ध और आतंकवाद से भाग रहे लोगों की मदद करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई थी.