छत्तीसगढ़ में गांव वालों ने सड़क को कर दिया बंद, लिखा- '21 दिन तक No-Entry...' देखें Video

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के छोटे से गांव में रहने वाले लोगों ने लॉकडाउन (Lockdown) का शानदार उदाहरण पेश किया है. गांव की सुरक्षा को ध्यान न में रखते हुए गांव के अंदर जाने वाली मुख्य सड़क पर लकड़ी और बांस का बैरिकेड लगा दिया.

छत्तीसगढ़ में गांव वालों ने सड़क को कर दिया बंद, लिखा- '21 दिन तक No-Entry...' देखें Video

छत्तीसगढ़ में गांव वालों ने सड़क को कर दिया बंद, लिखा- '21 दिन तक No-Entry

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के आदेश पर पूरे देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन (Lockdown) कर दिया गया है.  मेट्रो सिटी से लेकर गांव शहर हर तरफ 'लॉकडाउन' लागू करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) की बात कही जा रही है. एक तरफ शहरों में कुछ लोग लॉकडाउन के नियमों को तोड़ते हुए नजर आते हैं, वहीं छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के छोटे से गांव में रहने वाले लोगों ने  लॉकडाउन का शानदार उदाहरण पेश किया है

छत्तीसगढ़ के सियादेही और लसुनुवाही धमतरी जिले के ग्रामीणों ने लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए और गांव की सुरक्षा को ध्यान न में रखते हुए गांव के अंदर जाने वाली मुख्य सड़क पर लकड़ी और बांस का बैरिकेड लगा दिया. सिर्फ इतना ही नहीं एक बोर्ड भी लगा दिया है, जिसमें लिखा है, धारा 144 लगा है, 'बाहरी लोगों को 21 दिनों तक गांव के अंदर प्रवेश निषेध है'. इस बोर्ड पर यह भी लिखा है कि कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में हम सरकार के साथ है. सभी लोगों से निवेदन है कि वह अपने घर में रहे.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ का धमतरी ज़िला के लासुनवाही गांव में करीब 500 लोग रहते हैं. यहां रहने वाले लोग रोजी रोटी के लिये खेत और मजदूरी पर ही निर्भर करते हैं. लेकिन जब से पूरे देश में लॉकडाउन शुरू हुआ है, लोगों ने खुद को गांव में ही कैद कर लिया है.

यहां के लोगों का कहना है कि वह लॉकडाउन के नियमों का पूरी तरह से पालन करे रहे हैं और वह नहीं चाहते की बाहर से कोई आए और करोना वायरस महामारी का संक्रमण गांव में फैलाए. रोजगार के सवाल पर वो कहते हैं कि इस महामारी का असर हमारे कमाई पर जरूर पड़ा है लेकिन हमने यह सोचा है कि अगर स्वस्थ्य रहे तो बाद में पैसा कमा लेंगे.

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इससे पहले भी लॉकडाउन(Lockdown) का पालन करते हुए बस्तर के कांकेर से तस्वीरें आई थी. जब आदिवासी 'सामाजिक डिस्टेंसिंग' का पालन करते हुए पत्तों का मास्क लगाकर खुद की सुरक्षा कर रहे है.