यह ख़बर 06 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मणिपुर में सिर्फ 17 मतों से हारा एक कांग्रेसी उम्मीदवार

खास बातें

  • मणिपुर विधानसभा चुनाव में सबसे रोचक मुकाबला हियांगलाम सीट पर देखने को मिला जहां कांग्रेस उम्मीदवार को तृणमूल कांग्रेस के एक उम्मीदवार के हाथों सिर्फ 17 मतों से पराजित होना पड़ा।
इम्फाल:

मणिपुर विधानसभा चुनाव में सबसे रोचक मुकाबला हियांगलाम सीट पर देखने को मिला जहां कांग्रेस उम्मीदवार को तृणमूल कांग्रेस के एक उम्मीदवार के हाथों सिर्फ 17 मतों से पराजित होना पड़ा। मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह सर्वाधिक मतों से जीतने वालों में शीर्ष पर रहे।

ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार माइबम कुंजो ने कांटे के एक मुकाबले में कांग्रेस उम्मीदवार इलंगबम द्विजमणि सिंह को महज 17 मतों के अंतर से पराजित किया।

थौबाल सीट से मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ओइनाम इंदिरा को 15453 मतों से पराजित किया।

मणिपुर में कांग्रेस लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। कांग्रेस की जीत के वह नायक रहे हैं और उनका फिर से मुख्यमंत्री बनना एक बार फिर तय माना जा रहा है। पूर्वोत्तर के राज्यों में असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बाद वह दूसरे मुख्यमंत्री हैं जिसने सत्ता की हैट्रिक लगाई है।

राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से 42 सीटें कांग्रेस के खाते में गई हैं, जबकि विपक्षी दलों का गठबंधन काफी पीछे रह गया।

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निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस ने सात सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि मणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टी (एमएससीपी) के खाते में चार सीटें गई हैं। नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने तीन सीटें जीती हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) एक-एक सीट हासिल करने में कामयाब रही।