अगर आप धूम्रपान छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं तो निकोटिन प्रतिस्थापन उपचार की तुलना में इलेक्ट्रोनिक सिगरेट, जिसे आम तौर पर ई-सिगरेट के रूप में जाना जाता है इस लक्ष्य को हासिल करने में आपकी मदद कर सकती है. एक बड़े क्लीनिकल ट्रायल के नतीजों में इस बात का खुलासा हुआ है. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, ई-सिगरेट निकोटिन प्रतिस्थापन उपचार की तुलना में धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान छोड़ने में मदद करने में लगभग दोगुना प्रभावी है.
ई-सिगरेट पीने वाले सावधान, हो सकते हैं बहुत बीमार
ट्रायल में पाया गया कि ई-सिगरेट के 18 फीसदी उपयोगकर्ताओं को एक साल बाद धूम्रपान से निजात मिल गई जबकि निकोटिन प्रतिस्थापन उपचार अपना रहे केवल 9.9 फीसदी ऐसा कर पाने में कामयाब रहे. इस ट्रायल में 900 स्मोकर शमिल हुए थे, जिन्हें निकोटीन छोड़ने संबंधी अतिरिक्त थेरेपी भी मुहैया कराई गई. क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में प्रोफेसर व मुख्य शोधकर्ता पीटर हाजेक ने कहा, "धूम्रपान छोड़ने में मदद करने के लिए आधुनिक ई-सिगरेट की क्षमता के परीक्षण का यह पहला ट्रायल है. ई-सिगरेट, निकोटिन प्रतिस्थापन उत्पादों के 'गोल्ड स्टैंडर्ड' के संयोजन के रूप में करीब दुगना प्रभावी है."
बिहार सरकार ने लगाई ई-सिगरेट पर पाबंदी, पीते हुए पकड़े जाने पर 3 साल की सजा, 5,000 रुपये जुर्माना
हाजेक ने कहा, "हालांकि धूम्रपान करने वाले लोगों की बड़ी संख्या ने कहा कि उन्होंने ई-सिगरेट की मदद से सफलतापूर्वक धूम्रपान छोड़ दिया. वहीं स्वास्थ्य पेशेवर नियंत्रित ट्रायल से आए स्पष्ट प्रमाणों की कमी के कारण इसके उपयोग की सिफारिश को लेकर अभी भी असंतुष्ट हैं. अब इसमें बदलाव आ सकता है." यह नया अध्ययन 886 धूम्रपान करने वाले लोगों पर किया गया, जो ब्रिटेन नेशनल हेल्थ सर्विस स्टॉप स्मोकिंग सेवाओं में शरीक हुए थे. यह अध्ययन निकोटिन प्रतिस्थापन उपचार की रेंज की तुलना में नई रीफिलेबल ई-सिगरेट की दीर्घकालिक प्रभावकारिता के परीक्षण के लिए किया गया था.
(इनपुट-आईएएनएस)
Advertisement
Advertisement