यह ख़बर 03 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

हैप्पी बर्थडे एसएमएस : 20 साल की हो गई शॉर्ट मैसेजिंग सर्विस

खास बातें

  • लेटरबॉक्स में चिट्ठी डालना, टेलीग्राम भेजना, और यहां तक कि लैण्डलाइन फोन से बात करना भी लोग भूलने लगे हैं, क्योंकि एसएमएस आज 20 साल का हो गया है...
मुंबई:

एक वक्त था, जब अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को जन्मदिन या शादी की सालगिरह की बधाई देनी हो, या सुख-दुख का कोई संदेशा भेजना हो, आपको सिर्फ डाकिये पर निर्भर रहना पड़ता था... 15 पैसे का पोस्टकार्ड या नीले रंग का अंतर्देशीय पत्र लिखा जाता था, और डाला जाता था, गली-गली में लगे हुए डाक विभाग के लाल रंग के डिब्बों में, जिन्हें लेटरबॉक्स कहा जाता था... कुछ दशक पहले तक यही होता रहा, लेकिन अब वह डिब्बा बीते वक्त की बात बन चुका है... टेलीग्राम, यानि तार, भेजना भी गुजरे ज़माने की बात हो गई है, और घरों में लगे हुए लैण्डलाइन फोन को भी लोग भूलने लगे हैं, क्योंकि ज़माना अब मोबाइल हो चुका है... बस, अपने मोबाइल फोन पर कुछ बटन दबाएं और आपका संदेश पलक झपकते पहुंच जाएगा... लेकिन क्या आप जानते हैं, इस मोबाइल ज़माने को आए भी आज दो दशक पूरे हो गए हैं...

दरअसल, मोबाइल से भेजे जाने वाले शॉर्ट मैसेजिंग सर्विस, यानि एसएमएस की शुरुआत आज से ठीक 20 साल पहले वर्ष 1992 में 3 दिसंबर को ही ब्रिटेन में एक इंजीनियर द्वारा अपने कंप्यूटर से वोडाफोन नेटवर्क के जरिये मोबाइल पर संदेश भेजे जाने से हुई थी, जो था, 'मैरी क्रिसमस'... हालांकि एसएमएस भेजने का ख्याल सबसे पहले वर्ष 1984 में फिनलैंड के पूर्व नौकरशाह मैटी मैक्कोनेन के मन में आया था, लेकिन कामयाबी मिली ब्रिटिश इंजीनियर को...

हालांकि आज अपनी उम्र के 21वें पायदान पर पहुंचने वाले एसएमएस को फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों से कड़ी चुनौती मिल रही है, लेकिन आज भी पूरी दुनिया में चार अरब से ज़्यादा लोग रोज़ाना मोबाइल के जरिये एसएमएस भेजते हैं... कम से कम अक्षरों में ज़्यादा से ज़्यादा कह देने की ज़रूरत के मद्देनज़र एसएमएस ने प्रचलित भाषा की वर्तनी और वर्णमाला में भी क्रांतिकारी परिवर्तन किए, और मात्र 160 चिह्नों में अपनी बात पूरी करने के लिए प्रयोग होते रहे, जिनके तहत हंसी और दुख को बताने के बजाए दिखाने के लिए एसएमएस में इमोटिकॉन्स लाए गए...

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हालांकि सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों के चलते अपने जन्म से लेकर अब तक प्यार, खुशी, दुख और नफरत का इज़हार करने वाले एसएमएस के इस्तेमाल करने वाले लोगों के बीच पिछली दो तिमाहियों में एक अरब की कमी आई है, लेकिन उम्मीद बरकरार है कि नए-नए प्रयोगों से यह 'छोटू मैसेजिंग' लम्बे वक्त तक अपने चाहने वालों के बीच बनी रहेगी... हैप्पी बर्थडे एसएमएस...