यह ख़बर 06 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

शरीर पर जन्म से भारत का नक्शा, लिम्का रिकॉर्ड में नाम दर्ज

खास बातें

  • एक युवक के सीने पर जन्म से ही भारत का मानचित्र बना हुआ है, जिसके लिए इसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है।
मुजफ्फरनगर:

भगवान राम और सीता के प्रति भक्ति दिखाने के लिए पवन पुत्र हनुमान ने अपना सीना फाड़ कर दिखा दिया था। प्रकृति का चमत्कार कहें या फिर कुछ और, ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला मुजफ्फरनगर के एक युवक के सीने पर। इस युवक के सीने पर जन्म से ही भारत का मानचित्र बना हुआ है, जिसके लिए इसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है।

दरअसल मामला है जनपद मुजफ्फरनगर के नई मंडी थाना क्षेत्र का जहां अमित सिंघल (25 वर्ष) अपने पिता के कारोबार में हाथ बंटा रहा है। अमित के सीने पर कोई टैटू या चित्रकारी नहीं की गई है। जन्म के समय से ही अमित के सीने पर एक आकृति बनी हुई थी। धीरे-धीरे अमित बड़ा होने लगा और इसके साथ आकृति भी अपना आकर लेने लगी। कुछ वर्ष बाद जब परिजनों ने अमित के सीने पर बनी आकृति को ध्यान से देखा तो उनके आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा क्योंकि वह कोई साधारण निशान नहीं बल्कि आजाद भारत का मानचित्र था।

प्रमोद के शरीर पर भारत के अलावा पाकिस्तान एवं श्रीलंका का भी मानचित्र प्राकृतिक तरीके से बना हुआ है। अमित के परिवार के लोग इस मानचित्र को देश के प्रति उसका प्रेमभाव मान कर चल रहे हैं। अमित के सीने पर बने इस अनोखे निशान के कारण उसका नाम हाल ही में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए अमित को मेडिकल जांच से भी गुजरना पड़ा और मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक यह निशान जन्मजात है।

अमित का कहना है की मुझ्झे बहुत गर्व होता है कि मेरे सीने पर भारत का मानचित्र बना हुआ है। अमित की बहन अंजलि कहती हैं, मैं अपने भाई के शरीर पर बने इस निशान को बचपन से देखती आ रही हूं। मुझे बहुत अच्छा लगता है कि अमित के सीने पर भारत का मानचित्र बना हुआ है।

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मुजफ्फरनगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीके जौहरी ने इसे चर्म रोग बताया। जौहरी ने बताया, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो शरीर पर नक्शा बनना नामुमकिन है। नक्शा या निशान चर्म रोग या फिर शरीर का रंग गाढ़ा या फीका होने पर भी उभर सकता है।