अफगान में 'मौत की सड़क', जहां हजारा समुदाय के लोगों की होती है नृशंस हत्‍या

अफगान में 'मौत की सड़क', जहां हजारा समुदाय के लोगों की होती है नृशंस हत्‍या

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर...

काबुल:

अफगानिस्तान के मैदान शहर के पश्चिम में 40 किलोमीटर के राजमार्ग को 'मौत की सड़क' के तौर पर जाना जाता है। इस सड़क के बारे में चालक कहते हैं कि इस पर उग्रवादी जातिय हजारा अल्पसंख्यकों को 'भेड़ों और गायों' की तरह काटते हैं।

इस सड़क से मुसाफिरों को काबुल से हजाराजात ले जाने वाले चालक मोहम्मद हुसैन ने कहा, 'जब इससे गुजरते हैं तब डर के मारे मुंह सूख जाता है।' हजाराजात अफगानिस्तान के मध्य पहाड़ों का एक इलाका है, जहां पर हजारा समुदाय पारंपरिक रूप से रहता है।

हुसैन ने कहा कि उसने इन सालों के दौरान यहां इतने लोगों के सिर कटे शव देखे हैं, जिनके बारे में उसने दावा किया कि उन्हें तालिबान ने मारा है। इस वजह से वह बीमार हो गया था और उसे बुरे ख्वाब आने लगे हैं।

राजमार्ग वारडक प्रांत से होकर निकलता है। इस प्रांत पर तालिबान की पकड़ है और सड़क के रास्ते बामयान जाने वाले दो मार्गों में से एक है। बामयान हजाराजात क्षेत्र का प्रमुख शहर है और इसमें देशभर के हजारा समुदाय का केंद्र है। कई लोगों के लिए 'मौत की सड़क' अभियोजन का एक प्रतीक है, जिसका वे दशकों से सामना कर रहे हैं।

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तालिबान के फिर से सिर उठाने की आशंका के बीच हाल में सिर कलम करने और अपहरण की घटनाओं और इस्लामिक स्टेट समूह के उदय की वजह से इस महीने के शुरू में हजारों लोग काबुल में अपने घरों से निकले। यह एक ऐसा दृश्य था जो राजधानी में बरसों से नहीं दिखा था।