यह ख़बर 05 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

फ्रेंच सबसे निराशावादी, भारतीय आशावादी!

खास बातें

  • एक सर्वेक्षण के मुताबिक फ्रांस के निवासी सबसे ज्यादा उदास रहते हैं और भारतीय सबसे आशावादी होते हैं। बीवीए-गैलप के 53 देशों के सर्वे के मुताबिक निराशावादियों की सूची में फ्रांसीसी पहले स्थान पर आते हैं।
लंदन:

एक सर्वेक्षण के मुताबिक फ्रांस के निवासी सबसे ज्यादा उदास रहते हैं और भारतीय सबसे आशावादी होते हैं। बीवीए-गैलप के 53 देशों के सर्वे के मुताबिक निराशावादियों की सूची में फ्रांसीसी पहले स्थान पर आते हैं। सर्वे के दौरान 61 प्रतिशत फ्रांसीसी लोगों ने कहा वर्ष 2011 वित्तीय परेशानियों से भरा साल होगा। 'डेली मेल' के रिपोर्ट अनुसार, 52 प्रतिशत मत के साथ ब्रिटेन दूसरे, 48 प्रतिशत मत के साथ स्पेन तीसरे और 41 प्रतिशत मत के साथ इटली के निवासी चौथे स्थान पर हैं, जो निराशावादी हैं। सर्वे में 67 प्रतिशत फ्रांसवासियों को लगता है कि अगले 12 महीनों में बेरोजगारी बढ़ेगी। ब्रिटेन में भी बेरोजगारी एक बड़ा कारण रहा। वहां 74 प्रतिशत लोगों को लगता है कि इस साल बेरोजगारी बढ़ेगी। यूरोप की निराशावादिता के विपरीत एशिया, दक्षिणी अमेरिका और अफ्रीका के उभरती अर्थव्यवस्था के लोग आशावादी हैं। इन देशों के लोग नए साल को लेकर आशावादी हैं। भारत, ब्राजील और चीन में 49 प्रतिशत लोगों को लगता है कि वर्ष 2011 आर्थिक दृष्टि से बेहतर होगा, जबकि 14 प्रतिशत को लगता है कि कुछ मुश्किलें आ सकती हैं। सर्वे के मुताबिक नाइजीरिया और वियतनाम के लोग सबसे आशावादी हैं। वियतनाम के 70 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वर्ष 2011 में आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। नाइजीरिया में 80 प्रतिशत लोगों को लगता है कि इस साल वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। सर्वे वर्ष 2010 में 11 अक्टूबर से 13 दिसंबर तक 53 देशों में किया गया। इसमें करीब 63,000 लोगों से विभिन्न माध्यमों से जानकारी ली गई।


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