Union Budget 2019: जब बजट के दौरान मनमोहन सिंह ने सुनाई शायरी.
मोदी सरकार अपने कार्यकाल का पांचवा और आखिरी बजट पेश करेगी. केंद्र सरकार 1 फरवरी को अंतिम बजट पेश करेगी. बजट को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली की सेहत खराब होने के चलते पियूष गोयल को वित्त मंत्रालय का कार्यवाहक प्रभार दिया है. पियूष गोयल 2019 का बजट पेश करेंगे. अरुण जेटली अमेरिका के एक हॉस्पिटल में अपना इलाज करा रहे हैं. 1 फरवरी को लोकसभा में सरकार सुबह 11 बजे बजट पेश करेगी. बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा. बजट में वित्त मंत्री का भाषण काफी लंबा होता है. ऐसे में वित्त मंत्री भाषण को कविता और शेर-ओ-शायरी के जरिए रंगीन बनाने की कोशिश करते हैं.
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राजीव गांधी ने बजट सुनाते हुए मजाक में कह डाली ऐसी बात
1987 में राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ वित्त मंत्री भी थे. 1987-88 का बजट पेश करते हुए सिगरेट पर ज्यादा टैक्स लगाया था. उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा था- 'मुझे ज्यादा राजस्व जुटाना है. इसके लिए मुझे वित्त मंत्री के भरोसमंद दोस्तों और स्वास्थ्य मंत्री के दुश्मनों का सहारा लेना होगा.'
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जब मनमोहन सिंह ने सुनाई शायरी
1991 में मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे. उनको आर्थिक उदारीकरण (Economic liberalization) का जनक भी माना जाता है. 1991 में अपने बजट भाषण में उन्होंने मशहूर शायर इकबाल की कुछ पंक्तियां सुनाई थीं. उन्होंने कहा था- 'यूनान-ओ-मिस्र-रोम सब मिट गए जहां से, अब तक मगर है बाकी, नाम-ओ-निशा हमारा.'
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जब पी चिदम्बरम ने तमिल में सुनाई कविता
पी चिदम्बरम सालों तक देश के वित्त मंत्री रहे. वो कई बजट पेश कर चुके हैं. 1997 में बजट पेश करते हुए तमिल कवि तिरुवल्लुवर की पंक्तियां पढ़ी थीं- ' इदिप्परई इल्लाथा इमारा मन्नान केदुप्पार इलानुअम केदुम (उस राजा पर नजर रखें जो ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं करता जो उससे खरी बात कहते हैं, उसका कोई दुश्मन न हो तो भी वह बर्बाद हो सकता है).'
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यशवंत सिन्हा ने ऐसे की थी बॉलीवुड इंडस्ट्री की तारीफ
2002 में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की तारीफ करते हुए कहा था- 'पिछले तीन साल में हर साल फिल्मों का निर्यात करीब दोगुना बढ़ा. अब समय आ गया है कि हम ऐसी वित्तीय व्यवस्था करें जिसमें हम मनोरंजन उद्योग के लिए ज्यादा 'खुशी' दे सकें और उनका 'गम' दूर कर सकें.'
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अरुण जेटली करते हैं खूब शेरो-शायरी
अरुण जेटली भी शेरो-शायरी करते रहे हैं. 2017 में बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी से न घबराने का आह्वान करते हुए दो पंक्तियां पढ़ी थीं. उन्होंने कहा था- 'इस मोड़ पर घबरा के न थम जाएं आप, जो बात नई है उसे अपनाएं आप, डरते हैं नई राह पे ये क्यूं चलने से, हम आगे-आगे चलते हैं, आ जाएं आप.'