हर आंख थी नम, जब तिरंगे में लिपटकर आया शहीद का शव, आर्मी ऑफिसर ने ऐसे संभाला पिता को

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के शोपियां (Shopian) जिले में रविवार को ऑपरेशन ऑलआउट में एक जवान शहीद हुआ. तिरंगे में लिपटकर जब उसका शव पहुंचा तो गांव के लोगों की आंखे नम हो गईं.

हर आंख थी नम, जब तिरंगे में लिपटकर आया शहीद का शव, आर्मी ऑफिसर ने ऐसे संभाला पिता को

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के शोपियां (Shopian) जिले में रविवार को ऑपरेशन ऑलआउट में एक जवान शहीद हुआ. तिरंगे में लिपटकर जब उसका शव पहुंचा तो गांव के लोगों की आंखे नम हो गईं. शहीद बेटे नजीर अहमद वानी को देख पिता को खुद को संभाल नहीं पाए और फूट-फूटकर रोने लगे. इंडियन आर्मी ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- 'आप अकेले नहीं हैं. हम आपके साथ हैं.'

एक आतंकी जो बन गया देशभक्त और जॉइन कर ली ARMY, दुश्मनों को ढेर कर हुआ शहीद

वह कुलगाम तहसील के चेकी अश्‍मूजी गांव के रहने वाले थे. सेना के प्रवक्‍ता ने बताया कि लांस नायक नजीर अहमद वानी के परिवार में उनकी पत्‍नी और दो बच्‍चे हैं. उन्‍होंने करियर की शुरुआत वर्ष 2004 में टेरिटोरियल आर्मी से की थी. उन्‍हें सोमवार को सुपुर्द-ए-खाक से पहले 21 तोपों की सलामी दी गई.
 


शहीद हुए नजीर अहमद की कहानी सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. वानी एक समय आतंकवादी थे. उन्होंने आत्मसमर्पण करके भारतीय सेना को जॉइन किया था. 2007 में वीरता के लिए वो सेना का मेडल भी ले चुके हैं.

नॉर्वे के पूर्व पीएम ने किया कश्मीर और पीओके का दौरा, उमर ने पूछा- ये यहां क्या कर रहे हैं?

यह कहानी एक आतंकवादी के जांबाज देशभक्त बनने और सेना में शामिल होकर आतंकियों के खिलाफ अभियान में अपना सर्वोच्च बलिदान देने की है. आतंकवाद को छोड़ भारतीय सेना में जॉइन हुए नजीर अहमद वानी एक बेहतरीन सिपाही थे और वीरता के लिए उनको मेडल भी मिल चुका है.
 
cntus108

बता दें कि दक्षिण कश्‍मीर में स्थित कुलगाम जिला आतंकवादियों का गढ़ माना जाता है. कर्नल कालिया ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने आधी रात को क्षेत्र में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था. इस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चला दीं, जिससे अभियान मुठभेड़ में बदल गया. सुरक्षा बलों ने भी इसका मुंह तोड़ जवाब दिया. 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com