दुनिया के सात अजूबों में नौ साल पहले ही शामिल हुआ है हमारा ताजमहल, यहां देखें पूरी सूची

दुनिया के सात अजूबों में नौ साल पहले ही शामिल हुआ है हमारा ताजमहल, यहां देखें पूरी सूची

करीब 20 सालों में बनकर तैयार हुआ था ताजमहल.

हम सभी बचपन से सुनते आए हैं कि आगरा का ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि ताजमहल का नाम दुनिया के 7 नए आश्चर्यों की सूची में 9 साल पहले ही जुड़ा है.

कौन हैं दुनिया के प्राचीन सात अजूबे
दुनिया के प्राचीन सात अजूबों  में गीज़ा के पिरामिड, बेबीलॉन के झूलते बाग, ओलम्पिया में जियस की मू्र्ति, अर्टेमिस का मन्दिर, माउसोलस का मकबरा, रोडेस कि विशालमूर्ति और ऐलेक्जेन्ड्रिया के रोशनीघर शामिल थे. वर्तमान में गीज़ा के पिरामिड के अलावा अन्य सभी अजूबे ध्वस्त हो चुके हैं.

सूची में ऐसे शामिल हुआ ताजमहल
साल 2000 से 2007 के बीच स्विटज़रलैंड के न्यू सेवन वंडर्स फाउंडेशन द्वारा दुनिया के 200 ऐतिहासिक इमारतों को लेकर सर्वे कराया गया. दुनियाभर के करीब 10 करोड़ लोगों ने इस सर्वे में हिस्सा लिया, सर्वे के नतीजों के आधार पर साल 2007 में ताजमहल को दुनिया के सात नए अजूबों में शामिल किया गया. इस सूची में गीज़ा के पिरामिड को सम्माननीय सदस्य का दर्जा दिया गया. हालांकि इस सर्वे को यूनेस्को ने समर्थन नहीं दिया था.

ये हैं सात दुनिया के 7 अजूबे

चीन की दीवार
चीन की उत्तरी सीमा पर बनाई गई यह दीवार दुनिया की सबसे लंबी मानव निर्मित रचना है. यह करीब 6500 किलोमीटर लंबी है और इसकी ऊंचाई 35 फीट है. यह दीवार चीन को सुरक्षा देती है. इस दीवार का निर्माण पांचवी सदी ईसा पूर्व में शुरू हुआ और 16वीं सदी तक जारी रहा.

जार्डन का ‘पेट्रा’
पश्चिमी एशिया के जॉर्डन में स्थित पेट्रा एक ऐतिहासिक शहर है. यह लाल बलुआ पत्थरों से बनी इमारतों के लिए प्रसिद्ध है. यहां मौजूद इमारतों में 138 फुट ऊंचा मंदिर, ओपन स्टेडियम, नहर तालाब आदि शामिल हैं. यहां की इमारतों की दीवारों पर हुई नक्काशी बेहद खूबसूरत है.

क्राइस्ट द रिडीमर
ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में कार्कोवैडो पर्वत की चोटी पर जीसस  क्राइस्ट की 'क्राइस्ट द रिडीमर' नाम की मूर्ति स्थित है. करीब 32 मीटर ऊंचे इस स्टैच्यू का वज़न 700 टन है. इसका निर्माण 1922 से 1931 के बीच किया गया था.

ताजमहल
मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज़ महल की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था. बेपनाह मोहब्बत की निशानी ताजमहल को बनकर तैयार होने में करीब 20 साल का वक्त लगा था. ताज को मुगल शिल्पकला का उत्कृष्ट उदाहरण माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसी खूबसूरत इमारत दोबारा न बन सके इसलिए शाहजहां ने निर्माण पूरा होने के बाद कारीगरों के हाथ काट दिए थे.

रोम का कॉलोसियम
यह एक विशाल स्टेडियम है. इसका निर्माण 70वीं सदी में सम्राट वेस्पेसियन ने शुरू करवाया था. कहा जाता है कि इस स्टेडियम 50 हजार लोग जंगली जानवरों और गुलामों के बीच खूनी लड़ाई का खेल देखते थे. इस स्टेडियम की वास्तुकला ऐसी है कि इसकी नकल करना संभव नहीं है.

चिचेन इट्ज़ा के पिरामिड
मेक्सिको में स्थित चिचेन इट्ज़ा माया सभ्यता के सबसे प्रसिद्ध शहरों में से एक है. यहां कुकुल्कन का पिरामिड, चाक मूल के मंदिर, हजार पिलरों का हॉल और कैदियों के लिए बनाए खेल के मैदान आज भी देखे जा सकते हैं. यहां स्थित कुकुल्कन का पिरामिड है जो 79 फीट ऊंचा है, जिसकी चारों दिशाओं में 91 सीढ़ियां हैं. इसकी हर सीढ़ी साल के एक दिन का प्रतीक है, इस पिरामिड के ऊपर बना चबूतरा साल के 365वें दिन का प्रतीक है.

माचू पिच्चू
दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में ज़मीन से 2430 फीट ऊंचाई पर माचू पिच्चू नाम का शहर है जिसे 15वीं शताब्दी में बसाया गया था.  एंडीज पर्वतों के बीच यह शहर इंका सभ्यता का है.


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