Lal Bahadur Shastri 52nd Death Anniversay : जानिए एक गरीब परिवार का बच्चा कैसे बन गया 'भारत रत्न'

पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की आज पुण्यतिथि है. शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दो अक्टूबर, 1904 को शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के घर हुआ था.

Lal Bahadur Shastri 52nd Death Anniversay : जानिए एक गरीब परिवार का बच्चा कैसे बन गया 'भारत रत्न'

पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की आज पुण्यतिथि है.

खास बातें

  • पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की आज 52वीं पुण्यतिथि है.
  • शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दो अक्टूबर 1904 को हुआ था.
  • लाल बहादुर शास्त्री केवल डेढ़ वर्ष के थे तभी उनके पिता का निधन हो गया था.
नई दिल्ली:

पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की आज 52वीं पुण्यतिथि है. शास्त्री का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दो अक्टूबर, 1904 को शारदा प्रसाद और रामदुलारी देवी के घर हुआ था. उन्होंने 11 जनवरी, 1966 को उज़्बेकिस्तान के ताशकंद में अंतिम सांस ली थी. उसी दिन उन्होंने ताशकंद घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए थे. वह पहले व्यक्ति थे, जिन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजा गया था. आइए जानते हैं लालबहादुर शास्त्री के बारे में कुछ ऐसी बातें जिनको बहुत कम लोग जानते हैं...

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1. पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था. उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे. जब लाल बहादुर शास्त्री केवल डेढ़ वर्ष के थे तभी उनके पिता का निधन हो गया.

2. बचपन से ही लाल बहादुर शास्त्री को काफी गरीबी और मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कई जगह इस बात का भी जिक्र किया गया है कि पैसे नहीं होने की वजह से लाल बहादुर शास्त्री तैरकर नदी पार कर स्कूल जाया करते थे. हालांकि इसको लेकर कुछ पुख्ता तथ्यों में दूसरी तरह का दावा किया गया है.

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lal bahadur shastri

3. बचपन में दोस्तों के साथ शास्त्री जी गंगा नदी के पार मेला देखने गए थे. वापस लौटते के समय उनके पास नाववाले को देने के लिए पैसे नहीं थे और दोस्तों से पैसे मांगना उन्होंने ठीक नहीं समझा. बताया जाता है कि उस समय गंगा नदी भी पूरे उफान पर थी. उन्होंने दोस्तों को नाव से जाने के लिए कह दिया और बाद में खुद नदी पार करके आए. 

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4. आर्थिक तंगी की वजह से शास्त्री जी को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. उनको वाराणसी भेज दिया गया. पढ़ाई करने के लिए वह कई मीलों पैदल चलकर स्कूल जाते थे. 

5. शास्त्री जी ने अपनी शादी में दहजे में एक चरखा और कुछ कपड़े लिए थे.

6. शास्त्री जी जात-पांत का हमेशा विरोध करते रहे. यहां तक कि उन्होंने कभी अपने नाम के आगे भी अपनी जाति का उल्लेख नहीं किया. शास्त्री की उपाधि उनको काशी विश्वविद्यालय से मिली थी. 

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