शहीद की मां का डॉक्टर अल्ताफ शेख ने किया फ्री में इलाज, IPS बोला- 'एक बेटा खोया है, 135 करोड़ अभी भी हैं...' - देखें Video

Maharashtra के औरंगाबाद (Aurangabad) के यूरोलोजिस्ट (Urologist) की खूब तारीफ हो रही है. उन्होंने देश के लिए जान नौछावर करने वाले जवान की मां का फ्री में इलाज (Free Treatment Of Soldier's Mother) किया. वीडियो तेजी से वायरल (Viral Video) हो रहा है.

शहीद की मां का डॉक्टर अल्ताफ शेख ने किया फ्री में इलाज, IPS बोला- 'एक बेटा खोया है, 135 करोड़ अभी भी हैं...' - देखें Video

शहीद की मां का डॉक्टर ने किया फ्री में इलाज, IPS बोला- 'एक बेटा खोया है...' - देखें Video

महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद (Aurangabad) के एक यूरोलोजिस्ट (Urologist) की खूब तारीफ हो रही है. राजनेताओं से लेकर कई बड़ी दिग्गज हस्तियां उनकी तारीफ कर रही हैं. उन्होंने देश के लिए जान नौछावर करने वाले जवान की मां का फ्री में इलाज (Free Treatment Of Soldier's Mother) किया. इलाज पूरा होने के बाद उनको जब डिस्चार्ज किया गया, तो वो डॉक्टर को गले लगाकर फूंट-फूंटकर रोने लगीं. सोशल मीडिया (Social Media) पर यह वीडियो तेजी से वायरल (Viral Video) हो रहा है. इस वीडियो पर आईपीएस ऑफिसर दीपांशू काबरा (Dipanshu Kabra) ने भी रिएक्शन दिया है.

वीडियो में देखा जा सकता है कि इलाज करने वाले डॉक्टर अल्ताफ शेख बुजुर्ग महिला बुजुर्ग महिला को गले लगाकर रो रहे हैं और सांत्वना देते नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर यह क्लिप काफी वायरल हो गई है. महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि जब उन्होंने डॉक्टर के बारे में पता चला तो उन्होंने अल्ताफ को कॉल किया और संवेदनशीलता के लिए उनकी प्रशंसा की.

आईपीएस ऑफसर ने वीडियो रि-ट्वीट करते हुए लिखा, 'शहीद की मां ने एक बेटा खोया है, लेकिन उसके 135 करोड़ बेटे बेटी औऱ भी हैं. हम सभी को, देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीदों के परिवार का ध्यान रखने की प्रेरणा डॉक्टर साहब से लेनी चाहिए.'

देखें Viral Video:

पीटीआई से बात करते हुए, मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के यूरो सर्जन डॉ. शेख ने कहा, शांताबाई सूरद बेहद गरीब हैं और गुर्दे से संबंधित बीमारी के कारण दर्द में थीं. उन्होंने कहा, 'उन्हें अपनी जरूरी सर्जरी के लिए पैसे की जरूरत थी. उनके एक बेटे की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, जबकि एक अन्य को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सात साल पहले शहादत मिली. मैंने अस्पताल प्रबंधन से बात की थी अगर उसका मुफ्त इलाज किया जा सके." शहीद बेटे की पेंशन उनकी विधवा पत्नी के पास चली जाती है और शांताबाई के पास आय का कोई स्रोत नहीं है.'

डॉक्टर ने कहा, 'उनके डिस्चार्ज के समय, वह बहुत भावुक थीं और हम सभी रोए.'

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(इनपुट- भाषा से भी...)