होली पर दामाद को गधे पर बिठाकर लोग घुमाते हैं पूरा गांव, पहनाए जाते हैं उसकी पसंद के कपड़े

महाराष्ट्र के बीड जिले के एक गांव में नब्बे साल पुरानी होली की परंपरा को जीवित रखते हुए मंगलवार को लोगों ने गांव के 'सबसे नए दामाद' को गधे पर बिठाकर घुमाया और उसके बाद उसे उसकी पसंद के कपड़े पहनाए गए.

होली पर दामाद को गधे पर बिठाकर लोग घुमाते हैं पूरा गांव, पहनाए जाते हैं उसकी पसंद के कपड़े

होली पर महाराष्ट्र के गांव में गधे पर बिठाकर “दामाद” को घुमाने की है परंपरा

महाराष्ट्र के बीड जिले के एक गांव में नब्बे साल पुरानी होली की परंपरा को जीवित रखते हुए मंगलवार को लोगों ने गांव के 'सबसे नए दामाद' को गधे पर बिठाकर घुमाया और उसके बाद उसे उसकी पसंद के कपड़े पहनाए गए. बीड की केज तहसील के विडा गांव में होली के दिन गधे की सवारी देखने का इंतजार आसपास और दूरदराज के सभी निवासियों को रहता है.

कोरोना वायरस को लेकर किया ऐसा मजाक कि जाना पड़ गया जेल, जानें पूरा मामला

स्थानीय पत्रकार दत्ता देशमुख ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''गांव के सबसे नए दामाद को चुना जाता है जिसमें तीन से चार दिन लग जाते हैं. इसके बाद गांव वाले उस पर नजर रखते हैं ताकि होली के दिन वह भाग न जाए. इस साल विडा गांव में (गधे पर घूमने का) यह सम्मान दत्तात्रेय गायकवाड़ को प्राप्त हुआ.''

रात को 'भूत' बनकर डरा रहा था शख्स, चाचा ने आखिर में किया कुछ ऐसा... 60 लाख से ज्यादा बार देखा गया Video

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

गांव के एक निवासी अंगन देथे ने बताया कि यह परंपरा गांव के एक प्रतिष्ठित निवासी आनंदराव देशमुख द्वारा नब्बे साल पहले शुरू की गई थी. देथे ने पीटीआई-भाषा से कहा, “परंपरा आनंदराव के दामाद से शुरू हुई थी और तभी से चली आ रही है. जब मैं यहां शादी कर के आया था तब मुझे भी गधे पर घुमाया गया था.'' गधे की सवारी गांव के मध्य क्षेत्र से शुरू होती है और हनुमान मंदिर पर सुबह 11 बजे समाप्त होती है जहां गांव के लोग सवारी करने वाले को उसकी पसंद के वस्त्र देते हैं. 



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)