Makar Sankranti 2018: मकर संक्रांति से जुड़ी ये बातें क्या आप जानते हैं...?
इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है यानी कि पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है. परंपराओं के मुताबिक इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. देश के विभिन्न राज्यों में इस पर्व को अलग-अलग नामों से जाना जाता है.
Makar Sankranti 2018: मकर संक्रांति से जुड़ी ये बातें क्या आप जानते हैं...? (प्रतीकात्मक फोटो)
खास बातें
इस बार 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी.
देश के विभिन्न राज्यों में इस पर्व को अलग-अलग नामों से जाना जाता है.
इस दिन पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है.
नई दिल्ली: आज मकर संक्राति है. पूरे देश में यह विभिन्न तरीकों से मनाई जाती है. हमारे देश में मकर संक्रांति के पर्व का विशेष महत्व है, जिसे हर साल जनवरी के महीने में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है यानी कि पृथ्वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है. परंपराओं के मुताबिक इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. देश के विभिन्न राज्यों में इस पर्व को अलग-अलग नामों से जाना जाता है.
आइए आपको बताते हैं मकर संक्रांति के दिन क्या हैं मान्यताएं और क्यों मनाया जाता है ये त्यौहार...
क्या हैं मान्यताएं
* मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थीं.
* मान्यता यह भी है कि इस दिन यशोदा जी ने श्रीकृष्ण को प्राप्त करने के लिए व्रत किया था.
* माना जाता है कि आज से 1000 साल पहले मकर संक्रांति 31 दिसंबर को मनाई जाती थी. पिछले एक हज़ार साल में इसके दो हफ्ते आगे खिसक जाने की वजह से 14 जनवरी को मनाई जाने लगी. अब सूर्य की चाल के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 5000 साल बाद मकर संक्रांति फ़रवरी महीने के अंत में मनाई जाएगी.
* सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने को 'मकर संक्रांति' कहा जाता है. साल 2012 में यह 14 जनवरी की मध्यरात्रि में था. इसलिए उदय तिथि के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी को पड़ी थी.
* महाराष्ट्र में ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रान्ति से सूर्य की गति तिल–तिल बढ़ती है, इसीलिए इस दिन तिल के विभिन्न मिष्ठान बनाकर एक–दूसरे का वितरित करते हुए शुभ कामनाएँ देकर यह त्योहार मनाया जाता है.
क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति?
सूर्यदेव जब धनु राशि से मकर पर पहुंचते हैं तो मकर संक्रांति मनाई जाती है. सूर्य के धनु राशि से मकर राशि पर जाने का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि इस समय सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाता है. उत्तरायण देवताओं का दिन माना जाता है. मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नान और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. इस दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है. यही नहीं कई जगहों पर तो मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए खिचड़ी दान करने का भी विधान है. मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का प्रसाद भी बांटा जाता है. कई जगहों पर पतंगें उड़ाने की भी परंपरा है.