यह ख़बर 18 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

एमसीडी को वैश्विक एजेंसी ने दिया डबल ए का दर्जा

खास बातें

  • फिच रेटिंग्स नाम की एजेंसी ने अपनी हालिया रिपोर्ट में एमसीडी को राष्ट्रीय स्तर पर डबल ए का दर्जा दिया है और कहा है कि इकाई का दृष्टिकोण स्थिर है।
नई दिल्ली:

दिल्लीवाले भले ही दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को सुविधाएं उपलब्ध कराने में फिसड्डी मानते हों लेकिन एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने इस नगरीय निकाय को वित्त और योजना प्रबंधन के मामले में डबल ए का तमगा दिया है। फिच रेटिंग्स नाम की एजेंसी ने अपनी हालिया रिपोर्ट में एमसीडी को राष्ट्रीय स्तर पर डबल ए का दर्जा दिया है और कहा है कि इकाई का दृष्टिकोण स्थिर है। इसने हालांकि आगाह किया है कि यदि आय में वृद्धि किए बिना एमसीडी अपने ऊपर लगातार ऋण का बोझ बढ़ाती रही तो उसकी रेटिंग गिर सकती है। इसने इस नगर निकाय को यह कहकर राजस्व में वृद्धि की सलाह दी है कि इससे इसके वित्तीय मामलों और कार्यों में रेटिंग सकारात्मक होने में मदद मिलेगी। एजेंसी ने राजस्व एवं पूंजी लेखा जोखा के बेहतर प्रबंधन कर एवं गैर कर राजस्व में वृद्धि तथा ई परियोजनाएं शुरू करने के लिए एमसीडी की जमकर तारीफ की है और कहा है कि दिल्ली में ठोस कचरा निस्तारण सेवा भारत के अन्य बड़े शहरों के मामले में काफी बेहतर है। इस वैश्विक एजेंसी ने उल्लेख किया है कि भारत के अन्य शहरों की तुलना में दिल्ली में सड़कों की गुणवत्ता और अन्य सुविधाओं की स्थिति काफी बेहतर है। हालांकि रेटिंग एजेंसी ने एमसीडी की जेएनएनयूआरएम परियोजनाओं की यह कहकर आलोचना की है कि फिच का मानना है कि एमसीडी निवेश के लिए चिह्नित की गईं सभी परियोजनाओं को कार्यान्वित करने में सक्षम नहीं हो सकती। एजेंसी ने एमसीडी को टोल टैक्स से होने वाली आमदनी को रेखांकित करते हुए कहा है कि इससे दिल्ली नगर निगम को जबर्दस्त आय होगी। 2008-09 में एमसीडी ने टोल टैक्स से 162.23 करोड़ रुपये की आमदनी की जबकि अगले वित्त वर्ष में यह 196.02 करोड़ रुपये हो गई।


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