खास बातें
- दुनिया में पैदा होते ही मरने वाले हर 100 नवजात शिशुओं में 29 भारतीय होते हैं। इससे भी ज्यादा भयावह सच्चाई यह है कि हर साल पैदा होते ही तीन लाख शिशुओं की मौत हो जाती है।
नई दिल्ली: दुनिया में पैदा होते ही मरने वाले हर 100 नवजात शिशुओं में 29 भारतीय होते हैं। इससे भी ज्यादा भयावह सच्चाई यह है कि हर साल पैदा होते ही तीन लाख शिशुओं की मौत हो जाती है।
आश्चर्य इस बात का है कि बेहतर इलाज और जनसुविधाओं का दावा करने वाले भारत का प्रदर्शन अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी खराब है।
गैर-सरकारी संस्था 'सेव द चिंड्रन' ने दुनिया के 186 देशों में सर्वे कर एक रिपोर्ट 'स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स मदर रिपोर्ट' तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार लक्जमबर्ग में पैदा होते ही मरने वाले शिशुओं की संख्या सबसे कम है जबकि भारत में यह संख्या सर्वाधिक है।
बता दें कि 1990 की तुलना में वर्तमान समय में इस आंकड़े में कमी आई है लेकिन यह दर भी पड़ोसी मुल्क नेपाल से कम है।
गौर करने वाली बात यह भी है कि भारत में मरने वाले शिशुओं की संख्या में आधे से ज्यादा पहले ही महीने दम तोड़ देते हैं। साथ ही अमीर और गरीब के शिशुओं में मरने वाले बच्चों के आंकड़ों में भी भारत में सबसे ज्यादा अंतर है।
दुनिया में जच्चा और बच्चा के स्वास्थ्य रिपोर्ट में भी भारत की स्थिति पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश से बदतर है।