मैसूर: मैसूर के वाडियार राजघराने के राजा यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार और राजस्थान के डूंगरपुर की राजकुमारी त्रिशिका सोमवार को विवाह बंधन में बंध गए। मैसूर के ऐतिहासिक अंबा विला पैलेस में यह शाही शादी हुई।
मैसूर राजघराने में 40 साल बाद यह शादी हुई है। शादी की रस्में रविवार से यदुवीर द्वारा राजगुरु की पड़ पूजा रस्म के साथ शुरू हो गई थी। यदुवीर बोस्टन से पढ़े हैं और अभी केवल 24 साल के हैं।
त्रिशिका डूंगरपुर (राजस्थान) के राजा हर्षवर्धन सिंह और रानी महेश्री कुमारी की बेटी हैं। वे हाल ही में अमेरिका से लौटी हैं।
पिछले साल 28 मई को राजघराने की परंपरा के अनुसार यदुवीर का राजघराने के मुखिया के तौर पर राजतिलक किया गया था। दशहरा पर्व के दौरान उन्हें राजदरबार की राजरगद्दी पर बैठाया गया था।
शादी में करीब 1000 मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। आमंत्रितों में राजनेता, कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया और उनके कैबिनेट के मंत्री, कई अधिकारी और देश के अलग-अलग राजघरानों के सदस्य शामिल थे।
शादी का रिसेप्शन 28 जून को मैसूर और 2 जुलाई को बेंगलुरू में दिया जाएगा। यदुवीर और त्रिशिका की सगाई यदुवीर के राजा बनने से काफी पहले हो गई थी।
वाडेयर राजपरिवार के आखिरी वंशज श्रीकांतदत्ता नरसिम्हाराजा वाडेयर थे। उनकी कोई संतान नहीं होने की वजह से उनकी विधवा पत्नी प्रमोदा देवी वाडेयार ने पिछले साल फरवरी में यदुवीर गोपाल राज को औपचारिक रूप से गोद लिया। इसके बाद यदुवीर का नाम यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडेयर रखा गया।
यदुवीर ने अमेरिका की बोस्टन युनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स और इंग्लिश में बीए किया है। वे वाडेयर राजघराने के आखिरी महाराजा जयचमाराजेन्द्र वाडेयर की बेटी राजकुमारी गायत्री देवी के बेटे हैं।
वाडेयर वंश ने मैसूर में 1399 से 1947 तक शासन किया। वंश के आखिरी महाराजा जयचमाराजेन्द्र वाडेयर थे, उन्होंने 1940 से भारत की आजादी (1947) तक शासन किया। हालांकि 1950 तक वे महाराजा बने रहे। उनके बाद उनके पुत्र श्रीकांतदत्ता नरसिम्हाराजा को वाडेयर राजघराने का मुखिया बनाया गया।