यह ख़बर 21 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भारतीय मूल के क्रिकेटरों की हो सकती है पूरी टीम

खास बातें

  • विश्वकप क्रिकेट के लिए कुछ टीमों में ऐसे खिलाड़ियों का चयन किया गया है, जिनका कभी न कभी भारत से वास्ता रहा है और ऐसे क्रिकेटरों की तादाद इतनी अधिक है कि उनको मिलाकर अलग से टीम तैयार की जा सकती है।
New Delhi:

भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में अगले महीने होने वाले विश्वकप क्रिकेट के लिए कुछ टीमों में ऐसे खिलाड़ियों का चयन किया गया है, जिनका कभी न कभी भारत से वास्ता रहा है और ऐसे क्रिकेटरों की तादाद इतनी अधिक है कि उनको मिलाकर अलग से टीम तैयार की जा सकती है। भारत के अलावा विश्व कप में भाग ले रही 13 अन्य टीमों में से चार टीमें ऐसी हैं, जिनमें भारतीय मूल के खिलाड़ियों को भी जगह मिली है। यह भी संयोग है कि इन खिलाड़ियों को मिलकर बनने वाली टीम काफी हद तक संतुलित भी होगी, क्योंकि वह अनुभव और युवा का अच्छा मिश्रण होगी और उसमें शीर्ष बल्लेबाजों से लेकर तेज गेंदबाज और उपमहाद्वीप की पिचों के अनुकूल स्पिनर भी होंगे। भारतीय मूल के खिलाड़ियों की इस टीम में कनाडा का प्रतिनिधित्व सबसे अधिक होगा, क्योंकि उसकी 15 सदस्यीय टीम में सात खिलाड़ियों का सीधे भारत से नाता जुड़ा है। इनमें से छह खिलाड़ियों का जन्म तो भारत में ही हुआ है। इस टीम में वेस्टइंडीज के शिवनारायण चंद्रपाल और रामनरेश सरवन जैसे अनुभवी, जबकि दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला के रूप में बेहतरीन बल्लेबाज शामिल होंगे। इन खिलाड़ियों में आशीष बगई के रूप में एक कप्तान भी है, जो 19 फरवरी से 2 अप्रैल तक चलने वाले क्रिकेट महाकुंभ में कनाडा की अगुवाई करेंगे। अनुभव के आधार पर चंद्रपाल को कप्तानी का दायित्व सौंपा जा सकता है लेकिन विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी 1982 को दिल्ली में जन्में बगई ही संभालेंगे। वैसे कनाडा की टीम में शामिल हीराल पटेल और 16 वर्षीय नीतिश कुमार उर्फ रोनी भी सलामी बल्लेबाज है। हीराल का जन्म अहमदाबाद में हुआ था। बगई भी ओपनर की भूमिका निभाते रहे हैं, लेकिन उनका पसंदीदा स्थान तीसरा नंबर है। मध्यक्रम की जिम्मेदारी 261 वन डे में 8648 रन बनाने वाले चंद्रपाल और 156 वन डे मैच में 5098 रन बनाने वाले सरवन संभालेंगे। ऐसे में कीनिया की तरफ से 23 मैच में 320 रन बनाने वाले राकेप पटेल को छठे नंबर पर, जबकि ऑलराउंडर के तौर पर कनाडाई टीम में शामिल स्पिनर जिम्मी हंसरा सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा जा सकता है। हंसरा का जन्म 29 दिसंबर, 1984 को लुधियाना में हुआ था। इस टीम के आक्रमण की अगुवाई निश्चित तौर पर वेस्टइंडीज के रवि रामपाल करेंगे, जिन्हें 50 एकदिवसीय मैच खेलने का अनुभव है। उनके साथ नई गेंद का जिम्मा चंडीगढ़ में जन्मे कनाडाई मध्यम गति के गेंदबाज हरवीर सिंह बधवान संभालेंगे। टीम में लेग ब्रेक गुगली गेंदबाज बालाजी राव भी होंगे, जिन्हें भारतीय पिचों पर खेलने का अच्छा खासा अनुभव है। इस 13 सदस्यीय टीम में कनाडा के ही पार्थ देसाई के रूप में एक अन्य स्पिनर को रखा जा सकता है। बायें हाथ के इस स्पिनर का जन्म गुजरात के नवसारी में हुआ था और उनके लिए क्रिकेट में यादगार क्षण महेंद्र सिंह धोनी की टीम की 2007 में विश्व ट्वेंटी-20 चैंपियनशिप में खिताबी जीत है। सचिन तेंदुलकर को वह अपना हीरो मानते हैं और विश्व कप के दौरान मास्टर ब्लास्टर से मिलने की इच्छा रखते हैं। ऐसी स्थिति में कनाडा के हीराल पटेल को 12वें खिलाड़ी की भूमिका निभानी पड़ सकती है। विश्व कप में भाग ले रहे प्रवासी भारतीयों की टीम कुछ इस प्रकार से होगी- शिवनारायण चंद्रपाल (कप्तान), हाशिम अमला, तन्मय मिश्रा, आशीष बगई (उप कप्तान और विकेटकीपर), रामनरेश सरवन, राकेप पटेल, जिम्मी हंसरा, रवि रामपाल, हरवीर सिंह बधवान, बालाजी राव, पार्थ देसाई, हीराल पटेल और नीतिश कुमार।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com