इमरान खान बोले- 'भारत के गरीबों की मदद करना चाहता हूं' भारतीय बोले- 'भिखारी दान नहीं करते...'
कोरोनावायरस महामारी (CoronaVirus Pandemic) के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने नकद अंतरण प्रौद्योगिकी के जरिये भारतीय गरीबों की मदद की पेशकश की है. यह बात दुनिया में किसी को पच नहीं रही है. क्योंकि पाकिस्तान पर इतना कर्जा है, फिर भी पाकिस्तान अपने देश को छोड़कर भारत के गरीबों की मदद करना चाहता है. इस पर भारत सरकार ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. भारत ने पड़ोसी देश को याद दिलाया कि महामारी के दौरान नई दिल्ली द्वारा दिये गए आर्थिक राहत पैकेज का आकार पाकिस्तान के जीडीपी (Pakistan GDP) के बराबर है. इमरान (Imran Khan) के ऐसा कहने के बाद ट्विटर पर #ImranKhan, #PakistanGDP जैसे हैशटेग्स टॉप ट्रेंड करने लगे. भारतीयों (Indians) ने ट्विटर पर इमरान पर गुस्सा निकाला और मजेदार मीम्स (Memes) भी शेयर किए.
एक यूजर ने लिखा, 'जो देश चीन से भीख मांगकर गुजारा कर रहा है. और दान करना चाहते हो... आपको बता दूं, भिखारी दान नहीं करते.' वहीं दूसरे यूजर ने लिखा, 'आप भारत की चिंता मत करिए. ये सोचिए कि जिन देशों से उधार लिया है वो कैसे चुकाया जाए. वर्ल्ड बैंक की भी नजर पाकिस्तान पर है.' ट्विटर पर भारतीयों ने इमरान खान के बयान पर ऐसे रिएक्शन्स दिए और मीम्स शेयर किए.
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक खबर के साथ अपने ट्विट में कहा था कि हम भारत में गरीबों की मदद करने के लिए तैयार हैं. हमारे नकद अंतरण कार्यक्रम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तारीफ हुई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हम सभी को पाकिस्तान के कर्ज की समस्या (जीडीपी के 90 प्रतिशत) के बारे में पता है और कर्ज के पुनर्गठन को लेकर वे कितने दबाव में हैं. अच्छा होगा कि वे याद रखें कि हमारा आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज पाकिस्तान के जीडीपी के बराबर है.'
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को निपटने में मदद देने के लिये 20 लाख करोड़ रूपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी.