यह ख़बर 28 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

पाकिस्तान : शादी में 'नाचने-गाने' की सजा 'मौत'

खास बातें

  • एक कबायली ‘जिरगा’ (बुजुर्गों की परिषद) ने, चार महिलाओं तथा दो पुरुषों को अपने परिवारों के मानसम्मान पर धब्बा लगाने का आरोप लगाते हुए मौत की सजा सुनाई है।
इस्लामाबाद:

उत्तरी पाकिस्तान के एक दूरस्थ इलाके में एक कबायली ‘जिरगा’ (बुजुर्गों की परिषद) ने, चार महिलाओं तथा दो पुरुषों को अपने परिवारों के मानसम्मान पर धब्बा लगाने का आरोप लगाते हुए मौत की सजा सुनाई है। उनका कसूर केवल यह था कि उन्होंने एक विवाह समारोह में गाना गाया और नृत्य किया।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर में कहा गया है कि खबर पख्तूनख्वा प्रांत के हाजरा संभाग के रहने वाले दो पुरुषों और चार महिलाओं को एक वीडियोटेप में एक विवाह समारोह में नाचते गाते देखा गया। इसे लिंगभेद की कबायली परंपरा का उल्लंघन माना जाता है।

जिन चारों महिलाओं को सजा सुनाई गई है वह विवाहित हैं। उन लोगों को उनके ससुराल से बुलाया गया और कोहिस्तान जिले के सीरतई गांव में एक कमरे में बंद कर दिया गया। पुरुष जिरगा में खुद को सजा सुनाए जाने से पहले भाग निकले। जिरगा ने 40 युवकों को इन पुरुषों और महिलाओं को मारने का जिम्मा सौंपा है।

दोनों पुरुषों के बड़े भाई मोहम्मद अफजल ने सजा की आलोचना करते हुए कहा ‘कबायली जिरगा ने उन्हें घुल (व्यभिचारी) घोषित कर दिया है। उन्हें किसी भी समय मार डाला जा सकता है।’

अफजल ने कहा कि महिलाओं ने विवाह समारोह में ‘माहिया’ या लोकगीत गाए और नृत्य किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि विवाह दो माह पहले बांदो बैदार गांव में हुआ। कुछ अतिथियों ने गाते तथा नृत्य करते हुए महिलाओं और पुरुषों की मोबाइल फोन से तस्वीर ले ली। ऐसा ही एक वीडियो बाद में महिलाओं के संबंधियों के पास भेजा गया।

वीडियो देख कर वह कबीला नाराज हो गया जिससे महिलाएं ताल्लुक रखती हैं। एक माह पहले बुजुर्गों की जिरगा बुलाई गई और महिलाओं तथा पुरुषों को एक साथ गाकर तथा नृत्य कर इस्लामी एवं कबायली कानूनों का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया गया।

अफजल ने कहा ‘जिरगा ने उनकी बात नहीं सुनी और मौत की सजा सुना दी।’ जिरगा के फैसले के अनुसार, पुरुषों को पहले मारा जाएगा। महिलाओं को सीरतई गांव में अभी भी एक कमरे में बंद रखा गया है। दो महिलाओं के बच्चे भी हैं।

अफजल ने बताया ‘उन्हें रस्सियों से बांध कर भूखा रखा जा रहा है।’ स्थानीय पुलिस प्रमुख ने पुष्टि की कि जिरगा ने छह लोगों को मौत की सजा सुनाई है।

जिला पुलिस प्रमुख अब्दुल मजीद अफरीदी ने कहा ‘मैंने कबायली नेताओं से बात की और इस सजा पर तामील को रोकने के लिए मैं हरसंभव कोशिश करूंगा।’

अफरीदी ने कहा कि उन्होंने महिलाओं का पता लगाने के लिए सीरतई गांव में पुलिस का एक दल भेजा था। अफजल ने वीडियो की प्रामाणिकता को लेकर संदेह जताया और अपने शत्रुओं पर अपने परिवार को अपमानित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वीडियो में उसके भाइयों को और महिलाओं को एक साथ नाचते नहीं दिखाया गया है।

वीडियो देखने का दावा करने वाले अफरीदी ने अफजल से सहमति जताते हुए कहा कि महिलाएं एक कमरे में लोकगीत गाते और तालियां बजाते दिख रही हैं। दूसरी क्लिप में पुरूष एक अलग पृष्ठभूमि में नजर आ रहे हैं।

अफजल पेशावर उच्च न्यायालय की ऐबटाबाद रजिस्ट्री के एक वकील अब्दुल सबूर उस्मानी के कार्यालय में लिपिक है। उस्मानी ने जिरगा के फैसले को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को बिना किसी अपराध के शारीरिक और मानसिक यातना दी जा रही है।

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अफजल ने कहा कि जिरगा को किसी को मौत की सजा सुनाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा ‘‘इसके बाद भी अगर उन्हें लगता है कि मेरे भाइयों ने कोई कानून तोड़ा है तो अदालत को इसका फैसला करने दिया जाए।’’