5वीं में पढ़ रहे बच्चों के लिए IIT कोचिंग की टिप्स चाह रहे थे माता-पिता, ऐसे हुई जमकर फजीहत...

5वीं में पढ़ रहे बच्चों के लिए IIT कोचिंग की टिप्स चाह रहे थे माता-पिता, ऐसे हुई जमकर फजीहत...

एक अभिभावक ने Quora यूजर्स से 10 साल के बच्चे के लिए IIT की तैयारी कराने वाले संस्थानों के बारे में सवाल किया (प्रतीकात्मक चित्र)

नई दिल्ली:

अपने बच्चों से हकीकत से परे उम्मीदें पालने को लेकर भारतीय माता-पिता अक्सर चर्चा में रहते हैं. 'शर्मा जी के बेटा' का उदाहरण देने से लेकर आईआईटी और आईआईएम की अंधाधुंध रेस में बच्चों को धकेलने तक की तमाम चीजें हम अपने आसपास देखते रहते हैं. कई छात्र-छात्राएं तो 9वीं या 10वीं कक्षा से ही आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारियों में जुट जाते हैं. लेकिन एक ऐसा उदाहरण सामने आया है, जो किसी को भी हतप्रभ कर सकता है.

Quora पर पूछे गए एक अभिभावक के सवाल ने सबको हैरान कर दिया. अभिभावक का सवाल था- 5वीं में पढ़ रहे मेरे बच्चे के लिए आईआईटी की तैयारी के वास्ते कौन सा इंस्टीट्यूट सबसे बढ़िया रहेगा? इतने छोटे बच्चे को अपनी उम्मीदों के बोझ तले डालने को लेकर लोगों ने काफी तीखी प्रतिक्रिया जताई.

पेश है इस सवाल पर दिए गए कुछ रोचक जवाब-

कुलदीप सिंह नामक शख्स ने लिखा- मैं जब ऐसे सवालों को पढ़ता हूं तो वास्तव में दुखी हो जाता हूं. पूरी दुनिया फिल्म '3 इडियट्स' का समर्थन करती है, लेकिन अगर इन लोगों ने फिल्म देखी है तो लगता है कि इन्होंने फिल्म के संदेश को नहीं समझा. अगर फिल्म नहीं देखी है तो इसे जरूर देखें और इसके निष्कर्षों को समझें.

दिब्येश कपूर ने कहा- अगर आपका बेटा क्रिकेट या किसी और चीज में बेहतर है, तो फिर क्या... उसे वैसा ही बनने दें, जैसा वह बनना चाह रहा है, न कि आप अपने हिसाब से तय करें.

कुछ लोगों ने अपने विचार रखते हुए तंज भी कसे

एक ने लिखा- मेरे पास इससे बेहतर आइडिया है. जब आपकी पत्नी दोबारा गर्भवती हों तो उन्हें एचसी वर्मा और डीसी पांडेय की किताबों से सवाल हल करने के लिए कहें क्योंकि आप जानते ही होंगे कि अभिमन्यु ने गर्भ में ही चक्रव्यूह के बारे में जान लिया था. इससे आपका बेटा कम से कम समय में आईआईटी की तैयारी कर लेगा.

विकास जाखड़ ने इससे भी एक कदम आगे जाकर ताना मारा- आदरणीय सर, मैं आपके बच्चे के लिए कुछ सुझाव दे सकता हूं, लेकिन आपका बच्चा थोड़ा लेट हो गया है. आईआईटी की तैयारी तो 5वीं क्लास के पहले से ही शुरू हो जाती है. यही नहीं यह तो बच्चे के पैदा होने से पहले ही शुरू हो जाती है.

Quora पर यूजर्स की भारी नाराजगी झेलने के बाद अभिभावक ने बच्चे को लेकर अपनी मंशा पर सफाई देने की कोशिश की, लेकिन लोग उनकी बातों से सहमत नहीं हुए. बच्चे के माता-पिता ने लिखा, वे लोग जो मुझे सलाह दे रहे हैं कि बच्चे को उसके सपने पूरा करने दिया जाए और उस पर दबाव नहीं डाला जाए, मैं कहना चाहूंगा कि वह (बच्चा) बहुत छोटा है और अभी उसे अच्छे बुरे की पहचान भी नहीं है. इसलिए अभिभावक तय करते हैं कि क्या बेहतर है. आईआईटी का तमगा बहुत प्रतिष्ठित है और इससे आपके परिवार को गर्व महसूस होता है.

साल 2015 में HSBC द्वारा किए गए एक सर्वे से यह बात सामने आई थी कि 51 फीसदी भारतीय अभिभावकों के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता अपने बच्चों का सफल करियर है. यही नहीं वह बच्चों की खुशियों और उनके स्वास्थ्य से कहीं ज्यादा उनके सफल करियर को तरजीह देते हैं.


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