यह ख़बर 30 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

सचिन पर खूब मेहरबान रहे पाक फील्डर

खास बातें

  • तेंदुलकर पर विश्व कप सेमीफाइनल में पाकिस्तानी क्षेत्ररक्षक खूब मेहरबान रहे, लेकिन इसके बावजूद मास्टर ब्लास्टर शतकों का महाशतक पूरा करने से चूक गए।
मोहाली:

सचिन तेंदुलकर पर विश्व कप सेमीफाइनल में पाकिस्तानी क्षेत्ररक्षक खूब मेहरबान रहे, लेकिन इसके बावजूद मास्टर ब्लास्टर शतकों का महाशतक पूरा करने से चूक गए। तेंदुलकर 85 रन बनाकर आउट हुए और इस तरह से उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100वें शतक का इंतजार और बढ़ गया। तेंदुलकर की पारी हालांकि आकर्षक नहीं रही और जहां चार बार उनके आसान कैच छूटे, वहीं एक बार यूडीआरएस उनके बचाव में आगे आया, जबकि एक अवसर पर उन्हें संदेह का फायदा मिला। तेंदुलकर जब 23 रन पर थे, तब ऑफ स्पिनर सईद अजमल की पगबाधा की अपील पर अंपायर इयान गोल्ड की अंगुली उठ गई। तेंदुलकर ने तुरंत ही रेफरल मांगा। गेंद लाइन में थी, लेकिन रीप्ले से पता लग रहा था कि वह लेग स्टंप छोड़ रही थी। गोल्ड ने इसे दूसरा मानकर अंगुली उठाई थी। अगली गेंद पर स्टंपिंग की अपील पर तेंदुलकर को संदेह का फायदा मिला। इसके बाद तेंदुलकर को जीवनदान मिलने का क्रम शुरू हुआ और पाकिस्तानी क्षेत्ररक्षकों ने उनके कैच टपकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। तेंदुलकर जब 27 रन पर थे, तब मिडविकेट पर मिस्बाह उल हक ने उनका कैच छोड़ा। इसके बाद उन्हें 45 रन के निजी योग पर यूनुस खान ने और 70 रन पर कामरान अकमल ने जीवनदान दिया। तीनों अवसरों पर दुर्भाग्यशाली गेंदबाज कप्तान शाहिद आफरीदी रहे। तेंदुलकर जब 81 रन पर थे, तब मोहम्मद हफीज की गेंद पर उमर अकमल ने आसान कैच टपकाया। आफरीदी आखिर में तेंदुलकर का कैच लेने में सफल रहे। अजमल की गेंद पर तेंदुलकर ने ढीला ड्राइव किया और एक्स्ट्रा कवर पर आफरीदी ने कैच लेने में कोई गलती नहीं की।


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