यह ख़बर 16 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सरकार के ‘अरबों खरबों’ पर भारी पड़ा सचिन का शतक

खास बातें

  • संसद में प्रणब के बजट पेश करने के बाद जब लोग अपने नफे-नुकसान का गणित हल कर रहे थे तभी सचिन तेंदुलकर ने बांग्लादेश की सरजमीं पर अपना बहुप्रतीक्षित ‘शतकों का शतक’ जड़ा और बजट का गुणा भाग इस महाशतक से बोल्ड हो गया।
नई दिल्ली:

संसद में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बजट पेश करने के बाद जब लोग अपने नफे नुकसान का गणित हल कर रहे थे तभी ‘रिकार्डों के शहंशाह’ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने बांग्लादेश की सरजमीं पर अपना बहुप्रतीक्षित ‘शतकों का शतक’ जड़ा और सालाना बजट का गुणा भाग इस महाशतक से बोल्ड हो गया।

सचिन के बल्ले से बरसे रनों की तरह, माइक्रो ब्लॉगिंग साइट्स फेसबुक और ट्विटर पर बधाई संदेश बरसने लगे और दिलचस्प जुमलों का दौर शुरू हो गया है।

एक व्यक्ति ने सचिन के शतक और आम बजट पर चुटकी लेते हुए फेसबुक पर लिखा, ‘प्रणब मुखर्जी का आम बजट धीमे विकास, नीतियों की गतिहीनता और कई अन्य चीजों में फंसने के बाद सचिन तेंदुलकर के हाथों बोल्ड हो गया।’

सचिन के एक प्रशंसक ने फेसबुक पर लिखा, ‘आम आदमी को दादा के बजट से ज्यादा सचिन के 100वें शतक से राहत मिली।’

इसी तरह, सचिन के बांग्लादेश में शतकों का शतक बनाने पर भी जुमलों का दौर जारी है। सचिन के एक अन्य प्रशंसक ने फेसबुक पर लिखा, ‘सचिन का सौंवा शतक जनरल अरोड़ा को समर्पित। न ही वह बांग्लादेश बनाते और न ही वसचिन इस गंगा में हाथ धो पाते।’

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वरिष्ठ पत्रकार जिशान हैदर नकवी ने लिखा, ‘पड़ोसी हो तो बांग्लादेश जैसा। वाह भाई वाह। बांग्लादेश आपको बहुत-बहुत धन्यवाद। सचिन को 100 वां शतक बनाने में मदद देकर आपने बहुत बड़ी मदद की है। पाकिस्तान को बांग्लादेश से इस बात को समझना चाहिए कि एक पड़ोसी को कितना सहयोगी होना चाहिए।’