यह ख़बर 16 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

नौकर की बेटी बनी मोदी के स्वच्छता अभियान की ब्रांड एंबेसेडर

'स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय' अभियान के पोस्टर में रश्मि

नई दिल्ली:

राजधानी दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में पीले रंग की शानदार कोठी में मालिक और नौकर के संबध को नई ऊंचाई मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी मिशन 'स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय' की ब्रांड एंबेसेडर यहीं रहती है।

कोठी के अंदर दाखिल होते हुए जब किचन के रास्ते गोल घूमती सीढ़ियां से हम दूसरे तले पर पहुंचे, तो पता चला की रश्मि नायक अपने दो भाई के साथ इसी छोटे से सर्वेंट क्वार्टर में रहती है।

उसके पिता दिवाकर नायक 20 साल पहले ओडिशा से दिल्ली आए और तब से इसी कोठी में काम कर रहे हैं। वह बताते हैं कि कोठी की मालकिन सोनिया पांढी ने ही उन्हें परिवार लाने और बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया। साफ-सुथरे रहने की कोशिश का नतीजा है कि रश्मि को ब्रांड एंबेसेडर बनाया गया है। रश्मि डिफेंस कॉलोनी के प्रतिभा निगम स्कूल में पांचवीं की छात्रा है।

ब्रांड एंबेसेडर बनने की दिलचस्प कहानी

दरअसल 'स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय' के पोस्टर के लिए एक अदद चेहरे की तलाश शुरू हुई। निगम के बहुत सारे स्कूलों में सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से फोटो ली गई, लेकिन इनमें रश्मि नायक के फोटो को चुना गया।

रश्मि की फोटो जब बड़े पोस्टर और बैनर में छपनी शुरू हुई, तो निगम ने इस लड़की की तलाश शुरू की। फिर पता चला कि डिफेंस कॉलोनी के निगम स्कूल में रश्मि पढ़ती है। इसके बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने रश्मि को 'स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय' का ब्रांड एंबेसेडर बनाया। शुक्रवार को बाल दिवस पर मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इसकी घोषणा की।

रश्मि ने भी ब्रांड एंबेसेडर बनने के बाद बिना फोटो वालों को बुलाए कोठी के पीछे की सड़क को अपने पिता की मदद से साफ कर डाला। वह कहती है कि अपने भाइयों के साथ साफ-सुथरे तरीके से स्कूल जाना उसकी आदत में शुमार है। अब वह दूसरे बच्चों को साफ रहने और स्कूल को स्वच्छ रखने की कोशिश करेगी।

भले ही रश्मि को इस ब्रांड एंबेसेडर बनने के बाद कोई आर्थिक फायदा न हुआ हो, लेकिन गरीब की इस बेटी का मनोबल आसमान पर है, जिसके दम पर वह मुस्कुराते हुए हमसे डॉक्टर बनने की बात कहती है।

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