यह ख़बर 20 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

सिजोफ्रेनिया के पीछ जीन की कारगुजारी?

खास बातें

  • वैज्ञानिकों ने सिजोफ्रेनिया की अनुवांशिक वजहों को खोज निकालने के बेहद करीब होने का दावा किया है।
वाशिंगटन:

वैज्ञानिकों ने सिजोफ्रेनिया की अनुवांशिक वजहों को खोज निकालने के बेहद करीब होने का दावा किया है। इस बीमारी से जुड़े जीनोम स्थानों की अब तक की सबसे बड़ी खोज उन्होंने की है। नेचर जेनेटिक्स जर्नल के मुताबिक, 135 संस्थाओं के 190 वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने इंसानी जीनोम में सिजोफ्रेनिया से जुड़े पांच नए और दो पहले से पता लगाए जा चुके स्थानों की खोज की। बहुत पहले इस बात का पता लगाया जा चुका है कि सिजोफ्रेनिया वंशानुगत है। हालांकि इस नए अध्ययन ने इंसानी जीनोम के उन स्थानों का पता लगाया जो इस बीमारी से अहम तौर पर जुड़े हैं। अनुसंधान दल से जुड़े प्रो. ब्रायन मोवरी ने कहा कि व्यापक अध्ययन होने के कारण ही ये खोज संभव हो पाए, जिसमें 50,000 लोगों को शामिल किया गया। सिजोफ्रेनिया हर 100 में एक व्यक्ति को प्रभावित करता है और किशोरावस्था या शुरुआती वयस्कता के वक्त आमतौर पर दस्तक देता है। मनोविकृति इसका प्रमुख लक्षण है।


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