Singapore: भारत में समलैंगिकता (Homosexuality) पर आए उच्चतम न्यायालय के हालिया ऐतिहासिक फैसले से उत्साहित एक डिस्क जॉकी ने सिंगापुर में समलैंगिकता पर रोक को अदालत में चुनौती दी है. यह जानकारी बुधवार को एक मीडिया रिपोर्ट में सामने आई. जॉनसन ओंग मिंग (43) ने सोमवार को अदालत में मामला दायर किया. वह दलील देंगे कि धारा 377ए (Section 377) को रद्द किया जाए क्योंकि यह सिंगापुर के संविधान से असंगत है.
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भारतीय उच्चतम न्यायालय ने कुछ दिन पहले ऐतिहासिक फैसले में सहमति से समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया था और स्वतंत्र और सहिष्णु समाज की दिशा में इसे एक अहम कदम करार दिया था, जिसके कुछ दिन बाद ही मिंग ने अदालत में समलैंगिकता पर रोक को चुनौती दी है. मिंग ने चैनल न्यूज एशिया से बुधवार को कहा कि उसने अदालत जाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) समूहों का मुख्यधारा की मीडिया में सही तरीके से प्रतिनिधित्व नहीं होता है.
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उन्होंने कहा कि इस समुदाय के लोगों की जिंदगी सहायता और संसाधान के बिना अकेले गुजरती है और सिंगापुर के एलजीबीटी के लिए यह अक्सर तनावपूर्ण होता है. मिंग ने कहा, ‘‘सबसे अहम यह है कि मैं एक अपराधी नहीं हूं और मैं नहीं चाहता हूं कि अपने देश में पूरी जिंदगी एक अलग रूप में पेश किया जाऊं. यह मनोवैज्ञानिक तौर पर परेशान करता है और आप जिंदगी भर सोचते रहते हैं कि आप अन्य से कमतर हैं.’’
(इनपुट-भाषा)