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दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, दक्षिण मध्य अमेरिका और अर्जेंटीना में आज लगभग पांच घंटे के लिए पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार आज रात लगभग 10 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा. इसके बाद 12 बजकर 53 मिनट पर ग्रहण का मध्य होगा और रात 3 बजकर 21 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा.
यहां पर हम आपको इस पूर्ण सूर्य ग्रहण से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब बात रहे हैं:
क्या होता है सूर्य ग्रहण?
पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ अपने सौरमंडल के सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है. दूसरी ओर, चंद्रमा दरअसल पृथ्वी का उपग्रह है और उसके चक्कर लगता है, इसलिए, जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब पृथ्वी पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है. इसी घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है. इस खगोलीय स्थिति में सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं. सूर्यग्रहण अमावस्या के दिन होता है, जबकि चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन पड़ता है.
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किन देशों में दिखेगा पूर्ण सूर्य ग्रहण (Surya Grahan)?
ला सेरेना, सैन जुआन, ब्रागाडो, जूनिन औररियो कुआर्टो, चिली और अर्जेंटीना के कुछ शहर हैं जहां से सूर्यग्रहण दिखाई देगा. चिली में सैंटियागो, ब्राजील में साओ पाउलो, अर्जेंटीना में ब्यूनस आयर्स, पेरू में लीमा, उरुग्वे में मोंटेवीडियो और पैराग्वे में असुनसियन कुछ लोकप्रिय शहर हैं, जहाँ सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.
किस समय दिखेगा पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse)?
यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार आज रात लगभग 10 बजकर 25 मिनट से शुरू होगा. इसके बाद 12 बजकर 53 मिनट पर ग्रहण का मध्य होगा और रात 3 बजकर 21 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा.
यह कैसा सूर्य ग्रहण है?
साल 2019 यह पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) है.
इस ग्रहण को कैसे देख सकते हैं?
आमतौर पर ग्रहण को देखते हुए खास सावधानियां बरतनी चाहिए. चूंकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसीलिए आप इस दौरान खुली आंखों से आसमान देख सकते हैं.
ग्रहण के दौरान बरती जाने वाली बाकी सावधानियां?
यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखने वाला है, लिहाजा इस दौरान आप रोजमर्रा की तरह अपने काम कर सकते हैं.
ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या उपाय करें?
वैसे तो यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इस वजह से इसका कोई विशेष धार्मिक महत्व नहीं है और न ही यहां कोई सूतक काल होगा. लेकिन फिर भी धार्मिक मान्यताओं में विश्वास रखने वाले लोग ग्रहण के वक्त शिव चालिसा का पाठ कर सकते हैं. साथ ही ग्रहण खत्म होने के बाद पूजा-पाठ कर दान-दक्षिणा दें.