यह ख़बर 22 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

एक नंबर के आलसी होते हैं ब्रिटिश कर्मचारी : टाटा

खास बातें

  • रतन टाटा ने कहा कि ब्रिटिश कर्मचारी थोड़ा भी अतिरिक्त काम नहीं करना चाहते हैं और वीकेंड में कोई दफ्तर भी नहीं आना चाहता है।
New Delhi:

रतन टाटा ब्रिटिश कर्मचारियों से नाखुश हैं। यह बात तब उन्होंने ब्रिटेन में जगुआर और कोरस की अपनी फैक्ट्रियों से 1500 लोगों को निकालने के बाद कही। टाटा ने कहा कि ब्रिटिश कर्मचारी आलसी होते हैं और थोड़ा भी अतिरिक्त काम नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश मैनेजर भी भारतीयों के मुकाबले कम काम करते हैं और 5 बजे के बाद कोई मीटिंग में भी नहीं आना चाहता। यही नहीं वीकेंड में कोई दफ्तर भी नहीं आना चाहता है और शुक्रवार दोपहर के बाद किसी से मिलना भी मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय जरूरत पड़ने पर छुट्टी के दिन भी काम करते हैं और देर रात तक काम करते हैं। वैसे रतन टाटा को मुकेश अंबानी के आलीशान घर से भी ऐतराज है। रतन टाटा ने लंदन के 'द टाइम्स' को दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि रिलाइंस इंड्रस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी को 27 मंजिला घर एंटिला बनाने की क्या जरूरत है,  इससे लगता है कि उनमें गरीबों के प्रति सहानुभूति की कमी है। रतन टाटा भारत में अमीर और गरीब के बीच असमानता से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक समानता लाने के लिए अमीरों को अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा बांटकर इस अंतर को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।


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