कार्नेलिया सोराबजी को गूगल ने डूडल बनाकर किया याद, देश की पहली महिला बैरिस्टर होने का प्राप्त है गौरव

भारत की पहली महिला बैरिस्टर कार्नेलिया सोराबजी का आज 151वां जन्मदिवस है.

कार्नेलिया सोराबजी को गूगल ने डूडल बनाकर किया याद, देश की पहली महिला बैरिस्टर होने का प्राप्त है गौरव

कार्नेलिया सोराबजी को गूगल ने इस अंदाज में किया याद

खास बातें

  • कार्नेलिया सोराबजी को गूगल ने डूडल बनाकर किया याद
  • सोराबजी को भारत की पहली महिला बैरिस्टर होने का प्राप्त है गौरव
  • सोराबजी का आज 151वां जन्मदिवस है
नई दिल्ली:

भारत की पहली महिला बैरिस्टर कार्नेलिया सोराबजी का आज 151वां जन्मदिवस है. इस मौके पर गूगल ने एक खास डूडल बनाकर उनको समर्पित किया है. कार्नेलिया सोराबजी का जन्म 15 नवम्बर 1866 को नासिक में हुआ था. सोराबजी समाज सुधारक होने के साथ-साथ एक लेखिका भी थीं. कार्नेलिया 1892 में नागरिक कानून की पढ़ाई के लिए विदेश गयीं और 1894 में भारत लौटीं. उस समय समाज में महिलाएं मुखर नहीं थीं और न ही महिलाओं को वकालत का अधिकार था. लेकिन कार्नेलिया तो एक जुनून का नाम था. अपनी प्रतिभा की बदौलत उन्होंने महिलाओं को कानूनी परामर्श देना आरंभ किया और महिलाओं के लिए वकालत का पेशा खोलने की मांग उठाई.

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अंतत: 1907 के बाद कार्नेलिया को बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम की अदालतों में सहायक महिला वकील का पद दिया गया. एक लम्बी जद्दोजहद के बाद 1924 में महिलाओं को वकालत से रोकने वाले कानून को शिथिल कर उनके लिए भी यह पेशा खोल दिया गया. 1929 में कार्नेलिया हाईकोर्ट की वरिष्ठ वकील के तौर पर सेवानिवृत्त हुयीं पर उसके बाद महिलाओं में इतनी जागृति आ चुकी थी कि वे वकालत को एक पेशे के तौर पर अपनाकर अपनी आवाज मुखर करने लगी थीं. 

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वर्ष 1954 में कार्नेलिया की मृत्यु हो गई, लेकिन आज भी उनका नाम वकालत जैसे जटिल और प्रतिष्ठित पेशे में महिलाओं की बुनियाद है.


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