यह ख़बर 30 जून, 2011 को प्रकाशित हुई थी

बच्चों को दूध की जगह नशे की बोतल

खास बातें

  • आंध्र प्रदेश के मेहबूबनगर के आदिवासी इलाकों में ज्यादातर माता−पिता मजदूरी करते हैं और बच्चे उन्हें परेशान न करें, इसलिए वे उन्हें ताड़ी पिला देते हैं।
मेहबूबनगर:

आंध्र प्रदेश के मेहबूबनगर जिले के आदिवासी इलाकों में बच्चों को दूध की जगह ताड़ी पिलाई जा रही है। ताड़ी एक तरह का नशीला पदार्थ है। इसका खुलासा तब हुआ जब एक लोकल चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन किया। वहां ज्यादातर माता−पिता मजदूरी करते हैं और इसके लिए अपने छोटे बच्चों को घर के बुजुर्गों के पास छोड़कर जाते हैं। बच्चे उन्हें परेशान न करें, इसके लिए वे उन्हें जाने से पहले ताड़ी पिला देते हैं, ताकि बच्चे नशे में घंटों सोए रहें। वहां ताड़ी का चलन ऐसा है कि बच्चों को जब भूख लगती है, तो उनकी माएं दूध की जगह ताड़ी से भरा बोतल पकड़ा देती हैं। उनका कहना है कि उनके पास इतने पैसे नहीं कि वे दूध या दूसरा आहार बच्चों को दे सकें। गैर-सरकारी संगठनों का कहना है कि सरकार इन इलाकों पर ध्यान नहीं देती और ये उसी का नतीजा है।


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