'ब्लैंक एंड वाइट' दिखता था, इन्होंने 50 साल की उम्र में पहली बार रंग देखे! और अब आप इन्हें देखिए...
सामान्य जीवन में रंग सामान्य तरीके से आते हैं. हम पैदा होते हैं और इस दुनिया को रंगों से परिपूर्ण पाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है जन्म से वर्णांधता (Colour blindness) के शिकार रहे किसी शख्स का जीवन कैसे ब्लैक एंड वाइट सरीखा बीतता होगा! क्रिस स्मेलसर (Chris Smelcer) कलर ब्लाइंडनेस के शिकार हैं और 50 साल की आयु में कहीं जाकर एक खास प्रकार के चश्मे को पहनकर उन्होंने पहली बार रंग देखे. यानी, जब उन्होंने यह चश्मा लगाया तो उन्हें अपने आसपास की दुनिया, चीजें, आसमान और अन्य वस्तुएं और लोग वैसे ही नजर आए जैसे कि वे दिखने चाहिए...
बता दें कि इनके परिवार की शख्स Delila Watson ने 4 जून को फेसबुक पर यह वीडियो यह कहते हुए शेयर किया है कि इस वीडियो को देखें और समझें और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसलिए पहुंचाएं ताकि अधिक से अधिक लोगों को यह पता चल सके कि वर्णांधता के शिकार लोग इस चश्मे द्वारा आम लोगों की तरह रंगों को देख सकते हैं. इन खूबसूरत लम्हों को परिवार ने वीडियो में कैप्चर किया. क्रिस को बोन कैंसर भी था जोकि सर्जरी के बाद ठीक हो गया.
वर्णांधता वह रोग है जिसमें व्यक्ति की आंखे सामान्य रोशनी में रंग देख सकने में अक्षम होती हैं. Enchroma नामक कंपनी ने विशेष प्रकार का चश्मा तैयार किया है जिसे लगाकर वर्णांधता पीड़ित रंग देख सकते हैं.
जो कुछ हमने लिखा है, वह केवल विस्तृत व्याख्या है, इस लेख में दिया हुआ यह वीडियो देखिए और अपने जीवन के लिए शुक्राना करिए...
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