जब आमिर खान से पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि लोगों का समूह बिना सरकार के समर्थन के पर्यावरण के मुद्दे पर काम कर सकते हैं? तो आमिर खान ने कहा, 'हां, यह मुमकीन है, मगर मुश्किल बहुत है. सदियों से इंसान प्रकृति का दोहन कर रहा है. मैं अक्सर सोचता हूं कि पृथ्वी पर जो भी रहते हैं मसलन इंसान, जानवर. जानवर उतना ही उपभोग करता है जितना उसकी जरूरत है. मगर इंसान जरूरत से ज्यादा उपभोग करता है.