असम चुनाव: ये टी-शर्ट्स ही काफी कुछ कह देती हैं...
Updated: 08 अप्रैल, 2016 03:10 PM
असम चुनाव: ये टी-शर्ट्स ही काफी कुछ कह देती हैं...
असम विधानसभा चुनावी रैलियों में लोग अपनी-अपनी चहेती पार्टियों के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। इसके लिए वह स्लोगन वाली टी-शर्ट्स पहन रहे हैं।
इस बार असम चुनाव में कई मुद्दों पर पार्टियां वोट मांग रही हैं। पिछले चार दशकों से असम के सभी चुनावों में घुसपैठ एक बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है और इस साल हो रहे विधानसभा चुनाव भी इससे अछूते नहीं हैं।
भाजपा और कांग्रेस, दोनों पार्टियां चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं।
2011 चुनाव के मुकाबले सभी बड़े राजनीतिक दलों ने इस बार कम महिलाओं को टिकट दिए हैं।
निचले एवं मध्य असम के इलाकों में कई विधानसभा क्षेत्रों में अल्पसंख्यक आबादी अच्छी खासी है।
घुसपैठ की समस्या लंबे समय से राज्य में बनी हुई है। एनआरसी से उम्मीद थी कि इससे उन लोगों की पहचान होगी जो 1971 के बाद असम में गैर कानूनी रूप से आए हैं ।
भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद ने मांग की है कि असम समझौते के सभी प्रावधानों को लागू किया जाए और घुसपैठ की समस्या को सुलझाया जाए।
पीएम मोदी ने असम में कई रैलियां कर विकास का वादा किया है।