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Yearender 2020: कोरोना के दौर में अब बायो मेडिकल वेस्ट बना बड़ी परेशानी

Updated: 29 दिसंबर, 2020 08:54 PM

कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए साल 2020 में लोगों ने कई चुनौतियों का सामना किया है और उनमें से एक है बायो मेडिकल वेस्ट में वृद्धि है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 संबंधित बायो मेडिकल वेस्ट उत्पादन की औसत मात्रा नवंबर 2020 के महीने के लिए लगभग 162 टन प्रति दिन थी.

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दिल्ली स्थित वेस्ट प्रबंधन विशेषज्ञ, स्वाति संब्याल ने कहा, 'घरेलू स्तर पर प्रभावी कचरा प्रबंधन के बारे में जागरूकता बेहद खराब है.

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सेम्यबल ने कहा कि अस्पतालों और क्लीनिकों के अलावा, घरों के बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन को समय की आवश्यकता है और कम से कम दो से तीन साल की कार्य योजना के साथ इसका समर्थन करने के लिए उपयुक्त प्रणाली बनाने की आवश्यकता है.

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एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) के सेंटर फॉर वेस्ट मैनेजमेंट, एनवायरनमेंट एंड वेस्ट मैनेजमेंट डिवीजन के सौरभ मनुजा ने रणनीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन का सुझाव दिया.

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संब्याल का मानना ​​है कि कई सामान्य बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी क्षमता से अधिक चल रही है और अधिक कचरे को उठाने की जगह नहीं है. इसके अलावा, छोटे शहरों में बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं और देश को उसी की जरूरत है.

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संब्याल और श्री मनुजा ने कहा कि नीतियां लागू हैं लेकिन उनका क्रियानवन एक चुनौती है.

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