किताब-विताब - कहीं कुछ नहीं : जीवन के राग और खटराग की कहानियां
Literature | शुक्रवार मई 18, 2018 06:51 PM IST
क्या कहानियों को हमेशा बहुत सुगठित होना चाहिए- इस तरह कि कथा कभी भटकती न लगे और एक ही लय में बात पूरी हो जाए? ऐसे उस्ताद और माहिर क़िस्सागो होते हैं जो पाठकों को बिल्कुल वशीभूत कर अपने साथ लिए चलते हैं- अनुभव और रोमांच की अपनी रची हुई दुनिया की सैर कराते हैं. पाठक इन कहानियों के संसार से अभिभूत लौटता है.
छबीला रंगबाज़ का शहर : हमारे समय में कथा-लेखन की अलग लकीर
Literature | बुधवार अप्रैल 4, 2018 09:36 PM IST
अपने पहले कहानी संग्रह 'छबीला रंगबाज़ का शहर' के साथ प्रवीण कुमार ने हिंदी के समकालीन कथा-संसार में एक अलग तरह की दस्तक दी है. हिंदी में प्रचलित कथा लेखन में वे दिलचस्प ढंग से तोड़फोड़ करते दिखाई पड़ते हैं.
मेरी कहानियां गंदी हैं, तो तुम्हारा समाज भी अश्लील है: मंटो
Literature | गुरुवार मई 11, 2017 01:47 PM IST
मंटो ने 22 लघु कहानी संग्रह, एक उपन्यास, रेडियो नाटक के पांच संग्रह, व्यक्तिगत रेखाचित्र के दो संग्रह लिखे. उनकी कहानियों को लेकर उन्हें अक्सर विवादों और मुकदमों का सामना करना पड़ा. पेश हैं मंटो की पांच वो कहानियां जो जहन में परजीवी की तरह बस जाती हैं...
पुस्तक समीक्षा : तमन्ना तुम अब कहां हो- हर क्षण गुजरतीं अंतहीन कहानियां
Literature | बुधवार मार्च 1, 2017 05:07 PM IST
निधीश त्यागी का कथा संग्रह (हालांकि यह सिर्फ इतना नहीं) ‘तमन्ना तुम अब कहां हो’ 2013 में पहली बार प्रकाशित हुआ. तब से यह लगातार चर्चा में रहा. इसमें प्रेम कथाएं हैं, पर आम प्रचलित प्रेम कथाओं की तरह नहीं. यह सुखांतकों या दुखांतकों की तरह भी नहीं हैं. यह तो आम जीवन में रोज-ब-रोज कहीं से शुरू होने और कहीं छूट जाने वालीं अनुभूतियां हैं. यह कहना भी शायद कमतर होगा कि यह सिर्फ और सिर्फ प्रेम कथाएं हैं, इसमें प्यार से इतर आकांक्षाएं भी हैं, जीवन के विविध रंग हैं.
पुस्तक समीक्षा : 'इश्क की दुकान बंद है' - समाज को तमाचा जड़ती महिलाओं की कहानियां
Literature | मंगलवार फ़रवरी 28, 2017 09:34 AM IST
'इश्क की दुकान बंद है' नरेंद्र सैनी का पहला कहानी संग्रह है. लेकिन अपने पहले ही संग्रह की कहानियों में वे जिस तरह रिश्तों और मानवीय संबंधों की बारीक पड़ताल करते हैं, वह हैरानी भरा है. इन कहानियों में मुख्यतः आधुनिक जीवन में बदलते रिश्तों और संवेदनाओं को पकड़ने की कोशिश गई है.
श्रीलाल शुक्ल स्मृति सम्मान ने नवाजे गए कथाकार कमलाकांत
Literature | गुरुवार फ़रवरी 2, 2017 10:38 AM IST
उर्वरक क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) की ओर से वर्ष 2016 का 'श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान' वरिष्ठ कथाकार कमलाकांत त्रिपाठी को दिया जाएगा. कथाकार कमलाकांत ने किसान आंदोलन को केंद्र में रखकर 'पाहीघर' तथा 'बेदखल' जैसे चर्चित उपन्यास लिखे हैं. 'अंतराल' व 'जानकी बुआ' नाम से उनके दो कहानी संग्रह भी प्रकाशित हैं. जल्द ही उनका एक नया उपन्यास 'सरयू से गंगा' प्रकाशित होने वाला है.
लेखक का कोई धर्म नहीं होता: नासिरा शर्मा
Literature | शुक्रवार जनवरी 20, 2017 12:22 PM IST
1948 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जन्मीं नासिरा शर्मा उपन्यास 'पारिजात' के लिए साहित्य अकादमी पुस्कार से सम्मानित किया गया. उनकी 10 कहानी संकलन, 6 उपन्यास और 3 निबंध संग्रह प्रकशित हैं. वह हिंदी के अलावा फारसी, अंग्रेजी, उर्दू और पोश्तो भाषाओं पर भी अच्छी पकड़ रखती हैं.
आपको बेहतर प्रेमी बना सकती है 'बेदाद-ए-इश्क़ : रूदाद-ए-शादी'
Blogs | सोमवार मार्च 16, 2015 05:20 PM IST
इस किताब को पढ़ना प्रेम विवाहों के तमाम उतार चढ़ावों से गुज़रने जैसा है। जहां पहली बार मिलना और प्रपोज़ करने की रूमानियत की जगह ज़िंदगी का वह चेहरा नज़र आने लगता है, जो एक बार डरा भी देता है कि कलेजा नहीं है तो इश्क़ मत कीजिए।
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