'धारा 377'

- 60 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 20, 2018 07:28 AM IST
    आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मन्दिर का शीघ्र निर्माण होना चाहिए और विश्वास व्यक्त किया कि इससे हिंदुओं एवं मुस्लिमों के बीच तनाव खत्म हो जाएगा. भगवान राम को “इमाम-ए-हिंद” बताते हुए भागवत ने कहा कि वह देश के कुछ लोगों के लिए भगवान नहीं हो सकते लेकिन वह समाज के सभी वर्ग के लोगों के लिए भारतीय मूल्यों के एक आदर्श हैं. उन्होंने कहा, 'एक संघ कार्यकर्ता, संघ प्रमुख और राम जन्मभूमि आंदोलन के एक हिस्से के तौर पर मैं चाहता हूं कि भगवान राम की जन्मभूमि (अयोध्या) में जल्द से जल्द भव्य राम मंदिर बनाया जाए.' संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन उन्होंने कहा, ‘अब तक यह हो जाना चाहिए था. भव्य राम मंदिर का निर्माण हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव की एक बड़ी वजह को खत्म करने में मदद करेगा और अगर मंदिर शांतिपूर्ण तरीके से बनता है तो मुस्लिमों की तरफ अंगुलियां उठनी बंद हो जाएंगी.' उन्होंने कहा कि यह देश की संस्कृति और 'एकजुटता को मजबूत' करने का मामला है, यह देश के करोड़ों लोगों के विश्वास का मुद्दा है. उन्होंने इस मुद्दे पर बातचीत का भी समर्थन किया लेकिन कहा कि अंतिम फैसला राम मंदिर समिति के पास होगा जो मंदिर के निर्माण के लिए आंदोलन चला रही है.
  • Cricket | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार सितम्बर 14, 2018 09:50 AM IST
    क्रिकेटर गौतम गंभीर हाल ही में दिल्‍ली में आयोजित एक कार्यक्रम में जब माथे पर बिंदी लगाए और दुपट्टा ओढ़े हुए नजर आए तो हर कोई उन्‍हें देखकर हैरान रह गया. दरअसल गंभीर किन्‍नरों के प्रति समर्थन जताने के लिए इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. उनकी इस पहल की देशभर में सराहना हासिल हुई है. गौरतलब है कि गौतम सामाजिक और चैरिटी कार्यों में बढ़ चढ़कर भागीदारी करते रहे हैं. मैदान पर भले ही वे आक्रामक तेवरों वाले क्रिकेटर के रूप में नजर आते रहे हों, लेकिन राष्‍ट्र से जुड़े मुद्दों को लेकर उनकी राय अथवा उनकी ओर से उठाए गए कदमों में परिपक्‍वता देखने को मिली है.छत्तीसगढ़ में पिछले साल अप्रैल में हुए नक्‍सली हमले में शहीद हुए 25 जवानों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च वहन करने का ऐलान करके उन्‍होंने देश के प्रति अपने कर्तव्‍य भाव का अहसास कराया था. समाज में उपेक्षा और भेदभाव के शिकार किन्‍नर समाज के प्रति समर्थन जताने के लिए जब गौतम पहुंचे तो किन्‍नर समाज ने दुपट्टा ओढ़ाकर और बिंदी लगाकर उनका स्‍वागत किया. 
  • India | भाषा |रविवार सितम्बर 9, 2018 05:51 PM IST
    भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के तहत समलैंगिक यौन संबंध को लेकर दर्ज मामलों की संख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे आगे है और उसके बाद केरल का स्थान है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते इस कानून को आंशिक रूप से निरस्त कर दिया था.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |रविवार सितम्बर 9, 2018 05:41 PM IST
    धारा 377 के तहत समलैंगिक यौन संबंध को लेकर दर्ज मामलों की संख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. इसके  बाद केरल का स्थान है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते इस कानून को आंशिक रूप से निरस्त कर दिया था. धारा 377 के तहत 2014 से 2016 के बीच कुल 4,690 मामले दर्ज किए गए. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2016 में धारा 377 के तहत समलैंगिक यौन संबंधों के 2,195 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2015 में  1,347 और 2014 में 1,148 मामले दर्ज किए गए. 2016 में सबसे ज्यादा 999 ऐसे मामले उत्तर प्रदेश में सामने आए. इसके बाद केरल (207) का स्थान था.
  • India | Reported by: भाषा |रविवार सितम्बर 9, 2018 07:35 AM IST
    भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को चुनौती देने जैसे संवेदनशील मुद्दों पर फैसला अदालत के विवेक पर छोड़ने के सरकार के रुख पर उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश ने निराशा व्यक्त की और कहा कि नेताओं की तरफ से इस तरह की शक्तियों को न्यायाधीशों पर छोड़ने का काम रोजाना हो रहा है. दो वयस्कों के बीच सहमति से समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर करने वाली उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय संविधान पीठ में शामिल न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि धारा 377 मामले में फैसला औपनिवेशिक मूल के कानूनों और संवैधानिक मूल्यों का सही प्रतिनिधित्व करने वाले कानूनों के बीच लड़ाई की भावना का सही मायने में प्रतिनिधित्व करता है.
  • Blogs | विराग गुप्ता |शुक्रवार सितम्बर 7, 2018 06:46 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट के प्रांगण में मीडिया द्वारा फोटोग्राफी निषेध है. इसके बावजूद समलैंगिकता पर फैसले के बाद पूरा परिसर इन्द्रधनुषीय रंग से सराबोर हो गया. दो वयस्‍क लोगों का निजी सम्बन्ध मानते हुए समलैंगिकता को सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया परन्तु इस फैसले के लिए अपनाई गयी कानूनी प्रक्रिया पर अनेक सवाल खड़े हो गये हैं.
  • Zara Hatke | मोहित चतुर्वेदी |शुक्रवार सितम्बर 7, 2018 05:31 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता (Homosexuality) को अपराध की श्रेणी से हटा दिया है. इसके अनुसार आपसी सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अब अपराध नहीं माना जाएगा.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शुक्रवार सितम्बर 7, 2018 04:31 AM IST
    सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के साथ ही भारत उन 125 अन्य देशों के साथ जुड़ गया, जहां समलैंगिकता वैध है. हालांकि दुनियाभर में अब भी 72 ऐसे देश और क्षेत्र हैं जहां समलैंगिक संबंध को अपराध समझा जाता है. इनमें 45 वे देश भी हैं जहां महिलाओं का आपस में यौन संबंध बनाना गैर कानूनी है.
  • Breaking News | ख़बर न्यूज़ डेस्क |शनिवार सितम्बर 8, 2018 04:52 PM IST
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पहले विश्व मोबिलिटी शिखर सम्मेलन ‘मूव’ का उद्घाटन करेंगे. सम्मेलन में अन्य बातों के अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन और साझा मोबिलिटी को प्रोत्साहन जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.
  • India | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र |शुक्रवार सितम्बर 7, 2018 12:21 AM IST
    धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को समलैंगिक अपनी आज़ादी के तौर पर देख रहे हैं. उनका कहना है कि उनकी लंबी लड़ाई अपने मुकाम तक पहुंची है. अब उनकी नज़र समलैंगिक शादी को क़ानूनी मान्यता दिलाने पर है.
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