'धारा 377'

- 60 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 11:52 PM IST
    कई बार सर्वोच्च अदालत के कुछ फैसलों को इसलिए नहीं पढ़ा जाना चाहिए कि वो आपके हिसाब से आया है, बल्कि इसलिए भी पढ़ा जाना चाहिए कि फैसले तक पहुंचने से पहले तर्कों की प्रक्रिया क्या है. उसकी भाषा क्या है, भाषा की भावना क्या है.
  • Blogs | अखिलेश शर्मा |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 09:44 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक फैसले में समलैंगिक संबंधों को अपराध ठहराने वाली आईपीसी की धारा 377 को समाप्त कर दिया. इस फैसले का जमकर स्वागत हो रहा है. लेकिन इस पर सियासत भी शुरू हो गई है.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 06:12 PM IST
    गुरुवार सुबह तक भारत में समलैंगिकता को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 के तहत अपराध माना जाता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने ऐतिहासिक फैसले में इसे अपराध के दायरे से बाहर कर दिया है.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 04:44 PM IST
    SC/ST एक्ट के विरोध में सवर्णों  ने भारत बंद बुलाया. इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से हिंसा की खबरें सामने आईं. बिहार के कई जिलों में सवर्णों ने ट्रेनें रोकी और कई जगहों पर हाई-वे को भी बंद किया. उधर, नई दिल्ली में गुरुवार को भारत और अमेरिका के बीच अहम सैन्य समझौते COMCASA पर दस्तखत किए गए. अमेरिकी रक्षामंत्री जेम्स मैटिस व विदेशमंत्री माइक पॉम्पियो तथा भारतीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण व विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के बीच 2+2 वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि भारत और अमेरिका के बीच अहम सैन्य समझौते COMCASA पर दस्तखत किए गए, जिसके ज़रिये भारत को महत्वपूर्ण अमेरिकी रक्षा तकनीक हासिल करने में मदद मिलेगी.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 04:43 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने गुरुवार को समलैंगिकता (Homosexuality) को अपराध की श्रेणी से हटा दिया है. इसके अनुसार आपसी सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अब अपराध नहीं माना जाएगा. चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने एकमत से यह फ़ैसला सुनाया. करीब 55 मिनट में सुनाए इस फ़ैसले में धारा 377 (section 377) को रद्द कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 को अतार्किक और मनमानी बताते हुए कहा कि LGBT समुदाय को भी समान अधिकार है. 
  • Bollywood | Written by: अल्केश कुशवाहा |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 03:05 PM IST
    धारा 377 खत्म होने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री के सेलेब्स भी इस मामले में खुलकर अपने विचार रख रहे हैं. बॉलीवुड स्टार्स में करण जौहर, अभिषेक बच्चन, स्वरा भास्कर, आयुष्मान खुराना, रितेश देशमुख, आलिया भट्ट समेत कई बॉलीवुड स्टार्स ने इस मामले में अपने-अपने बयान रखे.
  • File Facts | Edited by: अरुण बिंजोला |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 02:34 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गुरूवार को एकमत से 158 साल पुरानी आईपीसी की धारा 377 (Section 377) के उस हिस्से को निरस्त कर दिया जिसके तहत परस्पर सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध अपराध था. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अप्राकृतिक यौन संबंधों को अपराध के दायरे में रखने वाली धारा 377 (Section 377) के हिस्से को तर्कहीन, सरासर मनमाना और बचाव नहीं किये जाने वाला करार दिया. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा शामिल हैं. संविधान पीठ ने धारा 377 (Section 377) को आंशिक रूप से निरस्त करते हुये इसे संविधान में प्रदत्त समता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला करार दिया. पीठ ने चार अलग अलग परंतु परस्पर सहमति के फैसले सुनाये.
  • Zara Hatke | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 02:15 PM IST
    समलैंगिकता (Homosexuality) को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 (Section 377) की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया.
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 12:56 PM IST
    समलैंगिकता अपराध है या नहीं, ( Homosexuality) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद अब यह स्पष्ट हो चुका है. समलैंगिकता को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया और कहा कि समलैंगिक संबंध अब से अपराध नहीं हैं. संविधान पीठ ने सहमति से दो वयस्कों के बीच बने समलैंगिक यौन संबंध को एक मत से अपराध के दायरे से बाहर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के एक हिस्से को, जो सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध बताता है, तर्कहीन, बचाव नहीं करने वाला और मनमाना करार दिया. 
  • India | Written by: नवनीत मिश्र |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 01:08 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मार्कंडेज काटजू इस बात से सहमत हैं कि समलैंगिक संबंधों को अपराध नहीं माना जाना चाहिए. मगर उन्होंने फैसले को लेकर सवाल भी खडे़ किए हैं. उन्होंने धारा 377 पर आए फैसले को देश की प्रमुख समस्याओं से ध्यान भटकाने वाला करार दिया है. 
और पढ़ें »
'धारा 377' - 32 वीडियो रिजल्ट्स
और देखें »

धारा 377 वीडियो

धारा 377 से जुड़े अन्य वीडियो »

 
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com