'धारा 377'
- 60 न्यूज़ रिजल्ट्स Bollywood | Written by: अल्केश कुशवाहा |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 01:00 PM IST समलैगिंकता को अपराध करार देने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 377 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने कहा, LGBTQ समुदाय को भी समान अधिकार है और पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने IPC की धारा 377 को मनमाना और अतार्किक बताते हुए निरस्त किया है.
India | Reported by: आशीष भार्गव |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 12:46 PM IST सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के एक हिस्से को, जो सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध बताता है, तर्कहीन, बचाव नहीं करने वाला और मनमाना करार दिया.
Zara Hatke | मोहित चतुर्वेदी |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 12:18 PM IST समलैंगिकता (Homosexuality) को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 (Section 377) की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया.
India | Reported by: आशीष भार्गव |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 03:25 PM IST संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा कर पीठ ने यह फैसला सुनाया है.
India | Written by: नवनीत मिश्र |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 11:50 AM IST समलैंगिकता पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल हैं.जानिए इनके बारे में.
File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 11:26 AM IST समलैंगिकता को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. पांच जजों की संविधान पीठ यह तय करेगी कि सहमति से दो व्यस्कों द्वारा बनाए गए यौन संबंध अपराध के दायरे में आएंगे या नहीं. संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल हैं. शुरुआत में संविधान पीठ ने कहा था कि वो जांच करेंगे कि क्या जीने के मौलिक अधिकार में 'यौन आजादी का अधिकार' शामिल है, विशेष रूप से 9-न्यायाधीश बेंच के फैसले के बाद कि 'निजता का अधिकार' एक मौलिक अधिकार है.
Breaking News | ख़बर न्यूज़ डेस्क |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 11:54 PM IST समलैगिंकता को अपराध करार देने वाली भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया, और समलैगिंकता को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया.
India | Reported by: आशीष भार्गव |गुरुवार सितम्बर 6, 2018 12:22 AM IST समलैंगिकता को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. पांच जजों की संविधान पीठ यह तय करेगी कि सहमति से दो व्यस्कों द्वारा बनाए गए यौन संबंध अपराध के दायरे में आएंगे या नहीं. संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल हैं. शुरुआत में संविधान पीठ ने कहा था कि वो जांच करेंगे कि क्या जीने के मौलिक अधिकार में 'यौन आजादी का अधिकार' शामिल है, विशेष रूप से 9-न्यायाधीश बेंच के फैसले के बाद कि 'निजता का अधिकार' एक मौलिक अधिकार है.
India | Written by: परिणय कुमार |गुरुवार जुलाई 26, 2018 09:06 PM IST BJP के सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि, 'हां, हमें राहुल गांधी के लगे लगा लेने से डर लगता है, क्योंकि उसके बाद हमारी पत्नियां हमें तलाक दे सकती हैं... और वैसे भी, अभी धारा 377 भी रद्द नहीं हुई है. यदि वह (राहुल गांधी) शादी कर लेते हैं, तो हम उन्हें गले लगा लेंगे...' बता दें कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपने भाषण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गले मिलने को लेकर भाजपा के नेता राहुल गांधी की लगातार आलोचना कर रहे हैं.
India | Reported by: आशीष भार्गव |मंगलवार जुलाई 17, 2018 06:53 PM IST न्यायालय इस पर फैसला बाद में सुनायेगा. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस मुद्दे पर चार दिन विस्तार से सुनवाई की. इन याचिकाओं पर 10 जुलाई को सुनवाई शुरू हुयी थी.
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