Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार दिसम्बर 14, 2017 10:20 PM IST कुछ तो बात है एग्ज़िट पोल में. वरना टीवी स्टुडियो में वक्ता दो-दो घंटे नहीं बैठते, वो भी सिर्फ दो या पांच मिनट बोलने के लिए. एंकर लोग ऐसे बोल रहे हैं जैसे आंधी में अशोक का पेड़ झुक रहा हो. वो उठते हैं झुकते हैं गिरते हैं और कई बार लगता है कि गिरा ही देंगे करीब वाले वक्ता को. एग्जिट पोल चुनावी त्योहार का आख़िरी मेला है. इस मेले में लोग खूब झूला झूल रहे हैं.