Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार दिसम्बर 29, 2016 03:44 PM IST मैं हैरान हूं कि लालू यादव जैसे राजनेता कैसे इस सामंती प्रतीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि उनके मुहावरे और प्रतीक सबसे मौलिक और लोकतांत्रिक हुआ करते थे. क्या हमारे नेता भी सोशल मीडिया की भाषा बोलने लगे हैं. अगर ऐसा है, तो यह ठीक नहीं है.