Blogs | रवीश कुमार |सोमवार जून 20, 2022 10:19 AM IST यही समझना है. जो जोश सेना से राजनीति में आता था, अब धर्म से आने लगा है. पहले सेना के नाम पर कई गलत चीज़ों को सही बताया गया, अब इसकी जगह धर्म की रक्षा ने ले ली है.धर्म के नशे में डूबा समाज किसी अत्याचार को गलत नहीं मानता. अब वह राजनीति के ज़रिए एक धर्म राष्ट्र का सपना देखने लगा है.