Blogs | दयाशंकर मिश्र |सोमवार अगस्त 22, 2016 01:02 PM IST आज सुबह की शुरुआत बेहद खौफनाक रही. मैंने अब तक कभी किसी अप्रत्याशित, सीधी हिंसा का सामना नहीं किया था. तब भी नहीं जब कोई एक दशक पहले मैं 'अशांत' जम्मू-कश्मीर में काम कर रहा था और अक्सर देर रात पैदल या दुपहिया पर घर लौटता था.